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राजस्थान में जीका वायरस के 50 लोग मिले ग्रसित

राजस्थान में जीका वायरस के 50 लोग मिले ग्रसित
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जयपुर/नई दिल्ली। जीका वायरस अब राजधानी में शास्त्री नगर और सिंधी कैंप इलाके के बाद अन्य इलाकों में भी पैर पसारने लगा है। जीका वायरस के मरीज शनिवार को 42 से बढ़कर पचास हो गए हैं। शनिवार को आठ नए मरीज अस्पताल पहुंचे। अब विद्याधर नगर, बनाड़ रोड और न्यू सांगानेर रोड से भी मरीज सामने आए हैं। सि्थति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने आज प्रभावित इलाकों का दौरा किया। गुप्ता के साथ जयपुर कलेक्टर, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।

एसीएस गुप्ता ने शास्त्री नगर और सिंधी कैंप इलाके का दौरा किया। वे राजपूत छात्रावास पहुंची और वहां रह रहे छात्रों को जीका वायरस के बारे में जानकारी दी और बचाव के उपाय बताए। राजपूत छात्रावास से अब तक कुल 5 मरीज सामने आ चुके है। गुप्ता ने बताया कि विभाग पूरे गंभीरता के साथ जीका वायरस की रोकथाम में लगा हुआ है। हम मैनपावर के हिसाब से काम कर रहे हैं। फिलहाल हमारा ध्यान शास्त्री नगर और सिंधी कैम्प इलाके पर है और धीरे-धीरे जैसे मरीज सामने आएंगे उन इलाकों कर स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शास्त्री नगर का दौरा किया था और मस्जिदों से जीका वायरस को लेकर ऐलान कराया गया था। वहां लोगों की समझाइश को लेकर एलइडी वैन भी खड़ी की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर निगम भी इस वायरस की रोकथान के लिए पूरा प्रयास कर रही है। दोनों विभागों की लापरवाही से इनकार करते हुए गुप्ता ने कहा कि यह लार्वा साफ पानी पाया जाता है। घर घर जांच के दौरान भी घरों के अंदर टंकी और बर्तनों में यह लार्वा पाया गया, इसलिए नगर निगम की बहुत ज्यादा जिम्मेदारी नहीं बनती है। हमने निर्देश दिए हैं कि जहां भी पानी इकट्ठा मिले तो मालिक पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। हम घर घर स्क्रीनिंग कर रहे हैं और हम इसे चुनौती की तरह ले रहे हैं।

इधर स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह एक संक्रमित रोग नहीं है यह मच्छर के काटने से फैलता है और इसका इलाज संभव है। मच्छर के काटने से आंखें लाल हो जाती हैं, चकत्ते हो जाते हैं और बुखार होकर जोड़ों में दर्द होता है। उन्होंने दावा किया की इसका इलाज संभव है, हालांकि यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित होता है।



Updated : 13 Oct 2018 2:48 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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