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व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक-2018 : श्रीकृष्णा समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक-2018 : श्रीकृष्णा समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
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नई दिल्ली। डाटा विशेषकर निजता से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित रखने के तरीकों पर विचार के लिए गठित न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्णा की समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। समिति की रिपोर्ट का आधिकारिक नाम 'व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक-2018' है।

रिपोर्ट सौंपे जाते समय न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेसवार्ता की। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार संसद में विधेयक लाएगी। प्रसाद ने कहा कि यह विधेयक बहुत वृहद होगा तथा यह दुनिया के अन्य देशों के लिए उदाहरण होगा।

रिपोर्ट में डाटा के आधार पर हुए खुलासे और उससे जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक मंच से हटाए जाने का अधिकार देने की सिफारिश की है। इसके अलावा डाटा भारतीय सर्वरों पर रखने और यहीं उनके विश्लेषण की अनुमति दिए जाने को कहा गया है। 'संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी (जैसे पासवर्ड, फाइनेंशियल डाटा, सेक्सुअल रुझान. बायोमैट्रिक डाटा, धर्म और जाति) को स्पष्ट सहमति के बाद ही लिया जाए।

रिपोर्ट में सिफारिश की गई है काटा को इकट्ठा न किया जाए जिसका आगे कोई विश्लेषण न हो और विशेष लक्ष्य केन्द्रीय विषय पर ही डाटा इकट्ठा करने, उनकी रिकार्डिंग, विश्लेषण और उनके खुलासे की अनुमति दी जाए। इसके अलावा संसद या विधानसभा के किसी काम के लिए पर्सनल डाटा के विश्लेषण को अनुमति दी जाने की सिफारिश की गई है।

समिति ने एक डाटा संरक्षण अधिकरण प्राधिकरण के गठन की सिफारिश की है। इसका काम व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखे जाने और नियमों-शर्तों का पालन कराने की भी जिम्मेदारी होगी। इसे उल्लंघन की जांच का अधिकार और कार्रवाई का अधिकार होगा।

आधार जानकारी से जुड़े यूआईएडीआई को स्वायत्त बनाए रखने के लिए आधार एक्ट में संशोधन की सिफारिश की गई है। समिति ने जनहित में निजी जानकारियों के खुलासे संबंधित आरटीआई एक्ट के सेक्शन 8 (1)(जे) में संशोधन की सिफारिश की है।

खबरें हैं कि इस रिपोर्ट पर आधारित ड्राफ्ट डाटा प्रोटेक्शन बिल संसद के मौजूदा सत्र में पेश किया जाएगा। आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सिफारिशों के आधार पर कानून बनने में समय लगेगा। आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक इस समिति की रिपोर्ट पर सभी पक्षों की राय ली जाएगी। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा के मुताबिक ये नया कानून सभी डाटा कंपनियों पर लागू होगा।

रिपोर्ट ये भी लिखा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को अपने डाटा को लेकर किसी कंपनी से शिकायत है तो उसका निपटारा कैसे होगा।इसमें डाटा प्रोटेक्शन ऑफिसर, डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी और एपीलेट ट्रिब्यूनल भी होगा।

Updated : 28 July 2018 1:10 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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