भ्रष्टाचार में राजस्थान का नाम सर्वोच्च, लेकिन अभी तक जिम्मेदार खामोश !
X
जयपुर । राजस्थान में कांग्रेस की सरकार एक साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रही है, लेकिन क्या यह जश्न एक साल की उपलब्धियों को लेकर होगा, या भ्रष्टाचार में राजस्थान का नाम सर्वोच्च आने पर होगा। प्रदेश के जिम्मेदारों के लिए यह बहुत की शर्मनाक बात है कि ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन सर्वे 2019 में राजस्थान भ्रष्ट राज्यों की सूची में नंबर वन है। यह सर्वे अक्टूबर 2018 से नवंबर 2019 के दौरान 20 राज्यों के 248 जिलों से 1.9 लाख लोगों की प्रतिक्रियाओं से तैयार किया गया है।
यह खबर देश के सभी बड़े अखबारों, वेबसाट्स में प्रमुखता से छप चुकी है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट जो ट्वीट करके राज्य सरकार की उपलब्धियां, या मोदी सरकार की आलोचना करने में नहीं चूकते है, इस सर्वे पर इन दोनों नेताओं का अभी तक एक भी ट्वीट नहीं हुआ या मीडिया में प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सबसे खास बात यह है कि अक्टूबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच यह सर्वे हुआ है। 13 दिसंबर 2018 को राजस्थान में कांग्रेस पार्टी जीती थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी। तो क्या गहलोत सरकार बनते ही अफसर शाही, बाबूशाही या राजनेताओं ने जमकर भ्रष्टाचार किया, जिसके चलते राजस्थान ने यह मुकाम हासिल किया है। सर्वे के मुताबिक राजस्थान में 78 फीसदी लोगों ने यह बयान दिया है कि उन्हें अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देनी पड़ी। हो सकता है कि इस दौरान राजस्थान में जमकर तबादले हुए। यह हो सकता है कि तबादलों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ हो। या यह हो सकता है कि पांच साल के इंतजार के बाद सत्ता में आए सफेदपोशो ने जमकर भ्रष्टाचार किया हो।
इस सर्वे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट, जो प्रदेश कांग्रेस के मुखिया भी है, वहीं मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, डीजीपी भूपेंद्र सिंह जैसे जिम्मेदारों की प्रतिक्रिया या इस सर्वे को लेकर सवाल नहीं उठाना यह बताता है कि शायद यह सर्वे ही राजस्थान के गुड गर्वनेंस का असली चेहरा उजागर कर रहा है।
Amit Senger
Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you