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सिलचर एयरपोर्ट : 17 घंटे तक रोके रखे जाने के बाद कोलकाता लौटा तृणमूल का प्रतिनिधिमंडल

केंद्र और असम सरकार पर लगाया मनमानी का आरोप, मंत्री फिरहाद हकीम बोले, तृणमूल के सांसदों और प्रतिनिधियों के साथ मारपीट की गई

सिलचर एयरपोर्ट : 17 घंटे तक रोके रखे जाने के बाद कोलकाता लौटा तृणमूल का प्रतिनिधिमंडल
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कोलकाता। नागरिकता सूची से बाहर किए गए 40 लाख बांग्लादेशियों की मदद के लिए असम पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को 17 घंटे तक सिलचर एयरपोर्ट पर रोक कर रखे जाने के बाद आखिरकार इन्हें कोलकाता लौटना पड़ा है। शुक्रवार सुबह सिल्चर से 7.40 की फ्लाइट लेकर तृणमूल का प्रतिनिधिमंडल सुबह 9:00 बजे दमदम हवाई अड्डे पर पहुंचा है।

यहां उतरते ही तृणमूल नेताओं ने भाजपा की सरकार पर हमला बोला है। मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि देश में भाजपा की सरकार ने लोकतंत्र को खत्म कर दिया है। तृणमूल के सांसदों और अन्य प्रतिनिधियों के साथ मारपीट की गई है। सांसदों को देश के किसी भी हिस्से में कहीं भी जाने का अधिकार है लेकिन भाजपा की सरकार ने गैरकानूनी तरीके से हमें रोककर रखा और मारपीट की। उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देश पर असम के असहाय लोगों से मिलने के लिए गए थे लेकिन जिस तरह से भाजपा की सरकार ने व्यवहार किया है उससे साफ हो गया है कि नागरिकता सूची से निकाले गए 40 लाख लोगों को न्याय नहीं मिलेगा।

असम में तृणमूल द्वारा सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने के भाजपा के आरोपों पर जवाब देते हुए फिरहाद हकीम ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा बढ़ाना केवल भाजपा का काम है। पूरे देश में भाजपा यही करती है।

सांसद काकुली घोष दस्तीदार ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से हमारे प्रतिनिधियों के साथ मारपीट की गई है। असम की सरकार में पुलिस के जरिए लोकतंत्र को कुचला है।

सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि हमारे पहुंचने से पहले ही असम की सरकार ने वहां धारा 144 लगा दी थी और पुलिस को कह दिया गया था कि हथियारों के साथ किसी को भी कहीं भी नहीं जाने दिया जाए। हमारे पास कोई हथियार नहीं था फिर भी हमें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया गया। यह गैरकानूनी है।

सांसद को आप देश के किसी भी राज्य में कहीं भी आने जाने और किसी से मिलने से नहीं रोक सकते हैं। नागरिकता सूची से बाहर किए गए लोगों के साथ भाजपा की सरकार अन्याय कर रही है। तृणमूल इसे होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि पार्टी यहां शांत होने वाली नहीं है‌। आगे भी लड़ाई जारी रहेगी। इस प्रतिनिधिमंडल के दो सांसद असम से सीधे दिल्ली गए हैं। वे संसद में तृणमूल का पक्ष रखेंगे। सिल्चर हवाई अड्डे पर तृणमूल के प्रतिनिधियों को रोके जाने को लेकर ममता बनर्जी ने भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि देश में सुपर इमरजेंसी चल रही है। केंद्र सरकार बाहुबल का इस्तेमाल कर लोकतंत्र को खत्म कर रही है।

Updated : 3 Aug 2018 11:51 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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