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सैन्य अदालत ने सात जवानों को दी उम्र कैद की सजा

सैन्य अदालत ने सात जवानों को दी उम्र कैद की सजा
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डिब्रूगढ़/स्वदेश वेब डेस्क। भारतीय सेना की एक अदालत ने फर्जी मुठभेड़ में शनिवार शाम पांच लोगों की हत्या मामले में सेना के सात जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

सेना के सात जवानों ने तिनसुकिया जिले के तालाप इलाके में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन 'उल्फा' के कैडर बताकर पांच लोगों को उठाकर ले गई थी, जिनकी मुठभेड़ बताकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में डिब्रगढ़ के सेना की दिनजान अदालत ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए सेना के सातों जवानों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

यह घटना वर्ष 1994 के 27 फरवरी को हुई थी। घटना के काफी बाद यह मामला सैन्य अदालत में पहुंचा। लगभग 24 वर्ष तक चले मुकदमे के बाद सैन्य अदालत ने सेना के 18वीं पंजाब रेजिमेंट के सात जवानों को दोषी करार दिया।

उल्लेखनीय है कि इस फर्जी मुठभेड़ का शिकार होने वाले लोगों में देवजीत बिश्वास, अखिल सोनोवाल, भवेन मोरान, प्रवीण सोनोवाल और प्रदीप दत्त शामिल थे। सैन्य अदालत के इस फैसले से मृतक के परिजन के चेहरे पर संतोष के भाव देखे गए हैं।

Updated : 14 Oct 2018 12:45 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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