विपरीत परिस्थितियों में आपका सुरक्षा कवच
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शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ें व गरीबों को तेल युक्त अचार का दान करें उचित लाभ होगा।
शनिवार को चाकू या चिमटे का दान करें। बहते हुए पानी में नारियल प्रवाहित करें। गरीब व सेवक को नीला काला कंबल दान करें।
चलते चलते रुक जाना। भागते भागते गिर जाना यह रुकावट ही तो है। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की चाह रखता है ।उसकी राह भी सही है । किंतु कई बार ऐसा देखा गया है कि अकारण हमारी राह में रुकावट आ जाती है और हमको अवरोध का सामना करना पड़ता है । विपरीत परिस्थिति जैसे अकारण कलंक लग जाता है। इस कारण हमारे मनोभाव भी दूषित हो जाते हैं। आलस्य व प्रयासहीनता हमें घेर लेती है । हम भाग्य को दोष देकर शांत बैठ जाते हैं। किंतु यह निर्णय सही नहीं । एक कायर ही अपने भाग्य को दोष देकर कुछ भी नहीं करता।
जीवन एक परीक्षा है। इसे जीतकर जाना है। दु:ख आए भी तो क्या? इसे सुखी बनाना है । हमारे जीवन में कई बार हमें विपरीत परिस्थितियां घेर लेती हैं। ज्योतिषी नज़रिए से देखा जाए तो इसे शनि का दुष्प्रभाव मानते हैं। शनि ग्रह व्यक्ति को आलसी व मलीन बनाता है। उसके हर कार्य में रुकावट डालकर, उसके जीवन को अप्रिय बनाता है। जिसके चलते कई बार उस व्यक्ति को कलंकित भी होना पड़ता है ।
लक्ष्मण ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति के शरीर में अकारण आलस्य उत्पन्न हो जाए । उसे अधिक नींद आए। वह बिना वजह लोगों से झगड़े। तामसिक मानसिकता उसे घेर ले। वह तामसिक भोजन को ग्रहण करने की इच्छा करे। अचानक उसकी आंखों की रोशनी मंद हो जाए। भूत पीड़ा उसे सताने लगे। नसों में जकडऩ सी महसूस करें। तो बस समझिए शनि ग्रह से प्रभावित है वह व्यक्ति।
अगर आप भी ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हो तो शीघ्र अति शीघ्र उचित ज्योतिष की कुशल निगरानी में यह उपाय करें ।
शनिवार को चाकू या चिमटे का दान करें। बहते हुए पानी में नारियल प्रवाहित करें। गरीब व सेवक को नीला काला कंबल दान करें। कौवे को रोटी खिलाएं। चीटियों के बिल मड्डे भोजन डालेड्ड। ऐसे व्यक्ति मांस मदिरा का त्याग करें। घर के उत्तर पूर्व दिशा में पिरामिड स्थापित करें। काली मिर्च व लोंग के सेवन से बचें। किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर पीपल के पेड़ लगवायें। शनिवार को हनुमान चालीसा पढं़े। व गरीबों को तेल युक्त अचार का दान करें उचित लाभ होगा ।
इन उपायों के साथ साथ अगर व्यक्ति अपने व्यवहारिकता में भी बदलाव लाए तो उचित लाभ मिलेगा। अपने घर या ऑफिस में अपने सहयोगी व सेवक से प्रेम व्यवहार रखें। अकारण किसी गरीब को नुकसान ना पहुंचाएं। समय-समय पर सेवक को उनकी आवश्यकता अनुसार वस्तु व धनराशि भेंट करें। चमत्कारिक लाभ होगा और आपका जीवन पुन: सुखमय व संपूर्ण हो जाएगा।
जिंदगी में आप कितने खुश है यह महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आप के कारण कितने लोग खुश हैं।
-दीप्ति जैन आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ
Naveen Savita
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