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रावतपुरा धाम में राष्ट्रसंत मोरारी बापू की श्रीराम कथा शुरू

सभी समस्याओं का समाधान है श्रीरामचरित मानस

रावतपुरा धाम में राष्ट्रसंत मोरारी बापू की श्रीराम कथा शुरू
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ग्वालियर, न.सं.। रावतपुरा धाम, लहार, भिण्ड में राष्ट्रीय संत और मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू की श्रीराम कथा शनिवार से शुरू हुई। बापू ने श्रीराम कथा की शुरुआत आईए हनुमान जी महाराज, पधारिए पवन कुमार... भजन गाते हुए की। उन्होंने कहा कि केवल और केवल हनुमान जी की कृपा से इस पावन धरती रावतपुरा धाम में श्रीराम कथा का नौ दिनों का आयोजन है। हनुमान जी का चरित्र एक अद्भुत चरित्र, अवदूत चरित्र, अलौकिक चरित्र और एक अनुभूति देने वाला चरित्र है। इससे पहले महाराज रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) राष्ट्रसंत मोरारी बापू की कुटिया से श्री पोथी लेकर गोविन्दा मण्डपम में पहुंचे और श्री पोथी को विराजमान किया। उनके साथ महामंडलेश्वर धर्मदेव जी महाराज (वृन्दावन) भी थे। संत श्री बापू के आगमन पर रविशंकर जी महाराज ने उनकी अगवानी की।

मोरारी बापू ने कहा कि श्रीरामचरित मानस समस्त समस्याओं का समाधान है। कसौटी की समस्याओं से भागें नहीं, बल्कि उनका सामना करें। कोई भी फल कर्म से मिलता है। संतों की संगत स्पर्धा को खत्म करती है, कामनाएं खत्म करती है, उसके बाद जो दिखती है, वह है श्रद्धा। कसौटी की कृपा के बाद रामराज्य और प्रेमराज्य आता है। अग्नि भी कसौटी, पवन भी कसौटी, धरती भी कसौटी, आसमान भी कसौटी है, जल भी कसौटी है। सब समस्याओं का समाधान श्रीरामचरित मानस और भागवत गीता है। संत श्री बापू ने कहा कि श्रीरामचरित मानस का आरंभ संशय से है। मध्य समाधान है और अंत शरणागति और भागवत गीता में भी यही क्रम है। श्रीरामचरित मानस समाधान देता है। उन्होंने उदाहारण देते हुए कहा कि पत्नी ने अपने पति से कहा कि पेड़ पर चढ़ जाओ, पति बोला मैं पेड़ पर चढऩा नहीं जानता। पत्नी ने कहा कि आप तो इंसान हैं, बंदर भी पेड़ पर चढ़ जाता है। पति ने दिल बड़ा किया, 15 दिन अभ्यास किया और फिर बताया पेड़ पर चढऩा। पत्नी बोली ये कौन सी बड़ी बात है, बंदर भी पेड़ पर चढ़ जाता है, ये जगत समस्याओं का जंगल है। श्रीरामचरित मानस समस्याओं का समाधान है। हनुमान जी का चरित्र जीवन जीने की कला सिखाता है। पवन तनय को केन्द्र में रखते हुए हम हनुमान जी के चरित्र की परिक्रमा करेंगे। संत मोरारी बापू ने कहा कि श्रीरामचरित मानस में पांच चरित्रों का ग्रंथ है। श्रीराम चरित, सीता चरित, हनुमान चरित, भरत चरित, बाबा बुष्टि चरित्र। श्रीरामचरित मानस पंचा चरित्र अमृत है। श्रीराम कथा दिव्य कथा, सिद्धकथा है। हम इनका नौ दिनों तक गुणगान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दस्यु पीडि़त था, यह मुझे जानकारी मिली, लेकिन जब से संत रविशंकर जी महाराज यहां पधारे, यह क्षेत्र शांत क्षेत्र हुआ। यह सिद्ध करता है कि जहां साधु बैठ जाता है, वहां माहौल बदल जाता है।

पांच सौ साल पुराना है हनुमान मंदिर

शुरुआत में रविशंकर जी महाराज ने बताया कि रावतपुरा सरकार हनुमान जी का मंदिर पांच सौ साल पुराना है। हनुमान जी ही यहां यजमान हैं और श्रोता भी हैं। विज्ञान के सदुपयोग के कारण इस कथा को 170 देशों में सजीव श्रीराम कथा का प्रसारण हो रहा है। इससे पहले संत रविशंकर जी महाराज एवं महामंडलेशवर धर्मदेव जी वृन्दावन ने दीप प्रज्जवलित किया। कथा का संचालन पंडित रमाकांत व्यास ने किया। रविवार 22 दिसम्बर को श्रीराम कथा प्रात: 9:30 बजे से आरंभ होगी।

Updated : 22 Dec 2019 1:15 AM GMT
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