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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला : साकेत कोर्ट ने मुख्य आरोपित समेत छह के खिलाफ तय किए आरोप

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला : साकेत कोर्ट ने मुख्य आरोपित समेत छह के खिलाफ तय किए आरोप
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नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में गुरुवार को मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर समेत 6 आरोपितों केआरोप तय कर दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी। कोर्ट बाकी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 11 मार्च को दलीलें सुनेगा।

एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने आज जिन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए उनमें ब्रजेश ठाकुर, किरण कुमारी, विजय तिवारी, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर जी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू और विक्की शामिल हैं। अब तक कुछ 13 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं।

पिछले 6 फरवरी को कोर्ट ने दो आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे। कोर्ट ने 6 फरवरी को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के चेयरमैन दिलीप कुमार वर्मा और सदस्य विकास कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे।

कोर्ट ब्रजेश ठाकुर की राजदार शाइस्ता परवीन ऊर्फ मधु के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। पिछले 27 फरवरी को सीबीआई ने कोर्ट के बताया था कि इस मामले में दो स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त कर दिए गए हैं। सीबीआई ने इस मामले में अमित जिंदल और आर.एन. सिन्हा को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है।

पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो दो दिनों के अंदर स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त करे। पिछले 23 फरवरी को इस मामले के सात आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया था। सातों आरोपितों को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट में पेश किया गया था। 23 फरवरी को जिन आरोपितों को साकेत कोर्ट में पेश किया गया, उनमें शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह, अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वो इस मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी करेगी।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस मामले को साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की छह महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर ट्रायल कोर्ट से इस केस के सभी दस्तावेज साकेत कोर्ट में पहुंच गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 12 फरवरी को इस मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार दिया था। नागेश्वर राव पर आरोप था कि उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला बिना कोर्ट की अनुमति के कर दिया था।

Updated : 7 March 2019 3:03 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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