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दिलचस्प मुकाबले में आ गई दिल्ली

त्रिकोणीय मुकाबले में अपनी-अपनी जीत का खम ठोकती पार्टियां

दिलचस्प मुकाबले में आ गई दिल्ली
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नई दिल्ली। कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आप पार्टी का सोमवार तक का दिया गया अल्टीमेटम भी काम न आया। कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा के बाद गठबंधन की उम्मीद भी समाप्त हो चुकी है। इस कदम के बाद कांग्रेस दिल्ली के दंगल में अकेले ही कूदेगी। विधानसभा चुनाव में अपने सभी विकेट गंवाने वाली कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव में वापसी की उम्मीद है। कांग्रेस मानकर चल रही है कि राष्ट्रीय पार्टी होने के चलते उसका मुकाबला आप पार्टी से न होकर भाजपा से है। फिर नगर निगम चुनाव में नौ प्रतिशत से बढ़कर उसने 22 प्रतिशत पर छलांग लगाई थी।

2009 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में उसे 57 प्रतिशत मत मिले थे। कल तक आप पार्टी के साथ गठबंधन के प्रबल हिमायती रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के साथ सुर में सुर मिलाते नजर आए। शीला ही ऐसी शख्सियत थीं जो लगातार आप पार्टी के साथ अंत तक गठबंधन की खिलाफत करती रही। पार्टी आलाकमान ने भी अंततः अनुभव को तवज्जो देते हुए गठबंधन को न कह दी। कांग्रेस की मनः स्थिति को भांपते हुए एक दिन पहले ही भाजपा ने अपने चार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। तीन उम्मीदवारों के नाम उसे घोषित करना है। समझा जाता है कि नई दिल्ली सीट से क्रिकेटर गौतम गंभीर जबकि पूर्वी दिल्ली से विधायक ओम प्रकाश शर्मा या प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू जबकि उत्तर-पश्चिम दिल्ली से उदितराज का विकल्प तलाशने में उसे काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस सबके बीच भाजपा और आप पार्टी के उम्मीदवारों ने सोमवार को अपने नामांकन दाखिल किए तो आज कांग्रेस के सभी उम्मीदवार पर्चा दाखिल करेंगे। दिल्ली में 12 मई को चुनाव होना है और आज नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है।

भाजपा ने अपने पत्ते खोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से उतारा है जहां उनका मुकाबला दिल्ली की तीन बार की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित से है। आप पार्टी की ओर से इस सीट पर दिलीप पांडे का नाम पहले ही घोषित किया चुका है। पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने इस सीट पर अभी नाम तय नहीं किया है। आप पार्टी की ओर से आतिशी यहां अपना दमखम दिखा रही हैं। दक्षिण दिल्ली से कांग्रेस ने अभी उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया है। आप की ओर से राघव चड्ढ़ा जबकि भाजपा ने रमेश बिधूड़ी को ही उतारने का फैसला किया है। पश्चिम दिल्ली से भाजपा ने प्रवेश वर्मा पर ही दांव लगाया है जहां उनका कांग्रेस के महाबल मिश्रा से कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। आप पार्टी ने बलबीर सिंह जाखड़ को मैदान में उतारा है। चांदनी चैक से भाजपा ने मौजूदा सांसद और केककंद्रीय मंत्री डा हर्षवर्धन पर दांव लगाया है जहां उनका कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल कड़ा मुकाबला होगा। आप पार्टी ने यहां से पंकज गुप्ता को उतारा है। नई दिल्ली से पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन हो सकता है भाजपा के संभावित उम्मीदवारों में गौतम गंभीर से भिड़ें। आप पार्टी के ब्रजेश गोयल यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। उत्तर-पश्चिम सीट से भाजपा ने नाम तय नहीं किया है। कांग्रेस ने यहां पूर्व धिायक राजेश लिलौठिया को मैदान में उतारा है जबकि आप पार्टी की ओर से गुगन सिंह चुनाव लड़ रही हैं।

दिल्ली में सीलिंग और वेतन आयोग का मुद्दा लंबे समय से जोर पकड़ रहा है। इसके इतर आप पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का मुद्दा उठाया है। बिजली, पानी जैसे मुद्दे पर सत्ता में आई आप पार्टी के लिए इस चुनाव में फिलहाल ऐसा कोई नया मुद्दा नहीं दिख रहा कि जिसके दम पर वह अप्रत्याशित परिणाम ले आए। झुग्गी-झोपड़ीवासियों को आधुनिक और नए संशाधन जुटाने जैसे चुनावी जुमले पर सभी पार्टियां सवार होती दिख रही हैं।

Updated : 22 April 2019 4:49 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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