कर्नाटक और आंध्र मॉडल अपनाकर कांग्रेस हरियाणा में करेगी सत्ता की वापसी
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नई दिल्ली। तो कांग्रेस अब दो दशक पहले के कर्नाटक व आंध्रा मॉडल पर चलेगी। जहां उसने बस में सभी नेताओं को लेकर यात्रा की थी। 1999 में इस यात्रा का मकसद था गुटों में बंटे नेताओं को एक मंच पर लाना। इस बस यात्रा के बाद इन दो राज्यों में कांग्रेस को जबरदस्त कामयाबी मिली और पार्टी सत्ता में लौटी। हरियाणा में कांग्रेस गुटबाजी का शिकार है, जिसे पार्टी के प्रभारी महासचिव गुलाम नवी आजाद दूर करने में जुटे हैं। बार-बार प्रयासों के बावजूद पार्टी में संगठनात्मक एका नहीं बन पा रही है। यही कारण है कि हरियाणा में समितियां बनती हैं फिर बिगड़ जाती हैं।
इस कड़ी में हरियाणा के पार्टी प्रभारी ने हरियाणा में नई समन्वय समिति का गठन किया है। जिसके अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा होंगे। सदस्यों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अश्षोक तंवर, सीएमपी नेता किरण चौधरी होंगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व सांसद कुलदीप विश्नोई, पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, विधायक जयवीर सिंह बाल्मीकि, सरदार जयपाल सिंह लाली को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
आजाद ने इन सदस्यांे के नाम गिनाते हुए बस यात्रा को उम्मीद की किरण बताया । इस समिति में सभी जाति और वर्ग के लोगों को जगह दी गई है। और इसके अलावा संगठन में लोगों को खासकर समिति के सदस्यों में एका लाने के लिए बस यात्रा की प्रबंध किया जा रहा है। मसलन, एक बस में एक साथ जब सदस्यगण यात्रा करेंगे तो साथ रहेंगे, साथ खाना खाएंगे, साथ घूमेंगे तो जाहिर है कि अंदर के विराग दूर होंगे और राग होगा तो आपसी समझ बढ़ेगी। इस तरह की यात्रा पार्टी मे ंएका लाएगी और नेताओं को फिर एक मंच पर पार्टी हित में काम करना आसान होगा।
हरियाणा में लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इसलिए पार्टी ने प्रदेश संगठन में सुधार लाने की कवायद अभी से शुरू कर दी है। और इसका जिम्मा सौंपा गया है पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता गुलाम नवी आजाद को।
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