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बच्चों का कद घटना हैं सबसे ज्यादा चिंताजनक, पढ़े पूरी रिपोर्ट

बच्चों का कद घटना हैं सबसे ज्यादा चिंताजनक, पढ़े पूरी रिपोर्ट
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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली ही नहीं देश के अन्य भागों में भी प्रदूषण के कारण बच्चों का कद घट रहा है और उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। यह दावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के प्रोफेसर व अन्य सहयोगियों द्वारा एन्वायरमेंटल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में किया गया है। यह रिसर्च पेपर आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज में एसोसिएट प्रोफेसर साग्निक डे ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर लिखा है।

प्रोफेसर साग्निक डे का कहना है कि गांव के बच्चों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। आंकड़ों के अनुसार गांवों में कुपोषण और स्वास्थ्य कारणों से कमजोर हो रहे बच्चों पर प्रदूषण की मार शहरी बच्चों के मुकाबले ज्यादा पड़ रही है। मोटे तौर पर शोध में देखा गया है कि प्रदूषण के कारण बच्चों की ऊंचाई हर जगह प्रभावित हो रही है चाहे वह गांव हो या शहर। बस शहर में इतना सकारात्मक है कि यहां बच्चों का पोषण गांव के मुकाबले ठीक है।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 से बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसी का असर बच्चों की ऊंचाई पर पड़ रहा है। प्रोफेसर डे का कहना है कि बच्चों की ऊंचाई और प्रदूषण को लेकर किया गया यह अपनी तरह का पहला शोध है। डे का कहना है कि यह आंकड़ा केंद्र सरकार के डेमोग्राफिक एंड हेल्थ सर्वे से लिया गया है, जो देश के 640 जिलों में पांच साल के लगभग ढाई लाख बच्चों पर किया गया।

शोध में सामने आया कि यदि 100 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर के प्रदूषण में कोई बच्चा पैदा हुआ तो उसकी ऊंचाई .024 सेंटीमीटर पांच साल की आयु में कम दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर से जनवरी के बीच पैदा होने वाले बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि तब प्रदूषण अधिक होता है।

Updated : 12 July 2019 4:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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