आज होगा दूध का दूध और पानी का पानी
राजनीतिक दलों की धड़कनें हुईं तेज
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नई दिल्ली। एक्जिट पोल के आभासी अनुमान और मतगणना के वास्तविक परिणामों के बीच पिछले तीन दिनों से जारी बहस पर आज पूरी तरह विराम लग जाएगा। देश के मतदाताओं का फैसला आने के बाद संशय के सारे बादल छट जाएंगे। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की खूबसूरती फिर एक बार निखर कर आएगी। मतदाता अपने ही निर्णय को सुनने के लिए बेसव्री से इंतजार कर रहा है। सत्तरहवीं लोकसभा के लिए देश आज एक और नया अध्याय लिखने जा रहा है।
बुधवार को राजनीतिक दलों के मुख्यालयों में शून्यता पसरी रही। दलों के रणनीतिकार गुरूवार को होने वाली मतगणना के लिए रणनीति बनाते रहे। कार्यकर्ताओं को अपने-अपने स्तर पर स्ट्रांग रूम में डंटने के निर्देश दिए गए। कांग्रेस ने ईवीएम प्रणाली पर फिर एक बार सवाल उठाया। चुनाव आयोग द्वारा वीवीपैट के मतों की गणना की मांग को ठुकराए जाने के फैसले पर काग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंहवी ने खेद व्यक्त किया है। आयोग के इसी फैसले पर आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दंगों के लिए चुनाव आयोग ने जमीन तैयार कर दी है। विपक्षी दलों के आरोपों को भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी दल जीतते है तो ईवीएम प्रणाली में इन्हें कोई खराबी नजर नहीं आती और हारने लगते हैं तो ईवीएम का रोना राने लगते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष एक तरह से संभावित जनादेश का अपमान कर रहा है।
भाजपा मुख्यालय में जश्न का माहौल
एक्जिट पोल के अनुमान आने के बाद भाजपा मुख्यालय में एक तरह से जश्न का माहौल बना हुआ है। यहां से कुछ ही दूर स्थित बंगाली मार्केट में लड्डू बनकर तैयार हैं। सात-सात किलो के केक जिन पर पार्टी के चुनाव चिन्ह लगे झंडे केक की शोभा बढ़ा रहे हैं। कार्यकर्ताओं में बेजोड़ उत्साह है। वहीं कांग्रेस मुख्यालय में एक्जिट पोलों ने माहौल को फीका किया हुआ है। मुख्यालय में आते-जाते कार्यकर्ताओं को बाजी पलटने की उम्मीद है।
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राजग को रोकने के लिए शरद पवांर हुए सक्रिय
नई दिल्ली। एक्जिट पोल के अनुमानों से घबराए विपक्ष को संबल प्रदान करने के लिए एनसीपी नेता खासे सक्रिय बताए जाते हैं। बुधवार को उन्होंने जगन रेड्डी, केसीआर और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की। पवार की जगन रेड्डी से सीधे बात तो नहीं हो पाई पर पटनायक और केसीआर से उन्हें आश्वासन मिला है। इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री बनने की दिशा में खुद को रेस में खड़ा कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मायावती ने खुद को प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारास्वामी से बात कर समर्थन की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए हैं। मतगणना से पहले मायावती किसी तरह की न तो जल्दबाजी में हैं और न ही कोई संदेश देना चाहती। इसके लिए वे पूरी तरह से धैर्य धारण किए हुए हैं। एक्जिट पोल को अटकलबाजी करार देते हुए उन्होंने कहा कि वास्तविक परिणामों को आने दीजिए। तस्वीर खुद व खुद उभर कर सामने आ जाएगी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं तो केसीआर तीसरे मोर्चे के गठन में पसीना बहा रहे हैं। इसके लिए वे समान विचारधारा वाले तमाम छोटे दलों से लगातार संपर्क बना रहे हैं। इन तीन नेताओं के अलावा बुधवार को शरद पवार भी यूपीए की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए मैदान में कूद गए हैं। विपक्ष का सबसे बड़ा खिलाड़ी कांग्रेस ने भी नतीजों से पहले अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस के रणनीतिकारों में अहमद पटेल, गुलाम नवी आजाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संगठन महासचिव केसी वेनूगोपाल ने दिनभर तमाम दलों के साथ मंत्रणा कर मतगणना के बाद बनने वाले समीकरणों पर गहन चिंतन किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्तरहवीं लोकसभा के गठन को लेकर मतदाता क्या फैसला सुनाता है?
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