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मंदिर निर्माण: अब 9 दिसंबर को दिल्ली में उमड़ेगा राम भक्तों का सैलाब

रामलीला मैदान में होगा शंखनाद, तीन लाख से ज्यादा साधु-संत करेंगे हिन्दुओं का मार्गदर्शन

मंदिर निर्माण: अब 9 दिसंबर को दिल्ली में उमड़ेगा राम भक्तों का सैलाब
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नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। हिन्दुओं के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने अभियान तेज कर दिया है। नौ दिसंबर को रामलीला मैदान में होने वाली संतों की धर्मसभा को ऐतिहासिक माना जा रहा है। धर्मसभा को सफल बनाने के लिए विहिप कार्यकर्ता दिल्ली व आस-पास के क्षेत्र के लोगों को घर-घर जाकर हल्दी अक्षत देकर सभा स्थल पहुंचने का आमंत्रण दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि धर्मसभा में कोई तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु भाग लेंगे। लगभग 12 किमी के क्षेत्र में विस्तारित ऐसा दृश्य बनेगा जहां रामभक्तों पर भगवा रंग चढ़ेगा तो वातावरण भी भगवा हो जाएगा। धर्मसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश जोशी जी, साध्वी ऋ तंभरा, स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य जी महाराज, स्वामी ज्ञानांनद जी महाराज, विहिप के न्यायमूर्ति कोकजे, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।

नार्थ एवेन्यु स्थित विहिप के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेन्द्र जैन ने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर हिन्दू 490 साल से संघर्ष करते आ रहे हैं। विरोधियों को समझना चाहिए श्रीराम मंदिर उनके जन्मस्थान पर ही बनेगा। इसमें सहमति और समझौते का तो सवाल ही नहीं उठता। जैन ने कहा कि संतों ने तीन चरण में रूपरेखा तैयार की थी, जिसमें से दो चरण पूर्ण कर लिए गए हैं। मसलन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद प्रदेशों के राज्यपालों से मुलाकात का दौर जारी है। तीसरे चरण में 500 से ज्यादा सभाओं के जरिए सांसदों से संवाद स्थापित करने का कार्यक्रम है जिसके तहत अब तक 150 सभाएं हो चुकी हैं। जन प्रतिनिधियों से पार्टी लाइन से हटकर मंदिर निर्माण में आगे आने की बात पर वे कानून या बनने वाले किसी भी मसौदे का पुरजोर समर्थन देने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सांसदों से प्रतिक्रिया मिल रही हैं उससे लगने लगा है कि मंदिर निर्माण को लेकर विरोध के स्वर अब शांत हो चले हैं। और हर कोई भक्तिभाव से ओत-प्रोत है। कुछ मुस्लिम उलेमाओं की तरफ से अच्छे संकेत मिल रहे हैं। खासकर इमामे हिन्द ने तो मंदिर निर्माण के मसौदे पर अपना समर्थन व्यक्त किया है। युवा वर्ग के जुडऩे के सवाल पर जैन ने कहा कि यह भ्रांति अब टूटी है क्योंकि हाल ही में मुंबई में हुए कार्यक्रम में 90 प्रतिशत युवा ही थे, जो मंदिर निर्माण के लिए अधीर हो रहे थे।

जैन ने बताया कि धर्मसभा को सफल बनाने के लिए विहिप ने दिल्ली प्रांत के कार्यकर्ताओं को आगे कर बैठकों के जरिए लोगों को जोड़ा। 8 जोन के 30 जिलों में लगभग 179 ब्लॉक में 500 से 1000 लोगों के साथ बैठकें की गईं। बैठकें सफल हुई तो बात बस्तियों तक जा पहुंची। बात ऐसी बन गई कि 2007 बस्तियों में उत्साह की लहर फैल गई। लोग मोटर साइकिलों, स्कूटरों के जरिए सडक़ों पर निकल आए। कारवां ऐसा बन पड़ा कि पांच हजार से बढक़र 10 हजार वाहन सडक़ पर दौड़ते नजर आए। आप देखेंगे 9 दिसंबर में रैली के बजाए रैला देखने को मिलेगा।

मंदिर निर्माण पर न्यायालय ने नहीं दिखाई जिम्मेदारी

विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा है कि विरोधियों के दिमाग में हर समय एक ही सवाल उठता है कि मंदिर निर्माण नहीं हुआ तो आगे क्या? या फिर चुनाव के समय ही मंदिर की बात क्यों की जाने लगती है? इस पर जैन ने कहा कि हर कार्य के होने का एक समय

निश्चित होता है। और वह समय आ गया है। जहां तक कानून का सवाल है तो उच्चतम न्यायालय से उम्मीद थी कि वह अपना काम जिम्मेदारी से करेगा। लेकिन निर्वतमान न्यायाधीश दीपक मिश्रा अपना काम बखूबी नहीं कर पाए, जैसी कि उनसे उम्मीद थी। अब जाकर मामला केंद्र सरकार पर आ गया है। कानून या अध्यादेश पर संत समाज को उम्मीद है अगर इसमें भी अड़ंगा लगा तो अगले साल प्रयागराज में फैसला होकर रहेगा। कुंभ में संत समाज जो भी फैसला करेगा विहिप उसे क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम संतों व श्रद्धालुओं को निराश नहीं करेंगे।

Updated : 4 Dec 2018 3:07 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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