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चम्बल नदी के किनारे लगे 85 गांव बाढ़ से प्रभावित, राहत एवं बचाव कार्य जारी

चम्बल नदी के किनारे लगे 85 गांव बाढ़ से प्रभावित, राहत एवं बचाव कार्य जारी
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मुरैना। मंदसौर और आसपास के जिलों में गत दिनों हुई भारी बारिश के चलते गांधी सागर बांध से कोटा बैराज होते हुये चम्बल नदी में पिछले तीन दिन में लगभग 15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने और पार्वती नदी के ऑवरफुल होने से चम्बल नदी खतरे के निशान से पांच मीटर ऊपर बह रही है। चम्बल नदी के किनारे से लगे हुये 85 गांव बाढ़ से प्रभावित हुये हैं। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्र में सेना की मदद से राहत एवं बचाव कार्य जारी है। सोमवार को प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 20 गांव के 2 हजार 275 लोगों को राहत कैम्पों में पहुंचाया और मंगलवार को भी सुबह से लोगों को राहत कैम्पों में पहुंचाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में 22 राहत कैम्प लगाए गए हैं, जहां लोगों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र के चम्बल नदी किनारे के मुकुटपुरा, दिन्नपुरा, नावली वृन्दावन, रमाकोट, खैराहट, नखनोली की मढैयन, कोषण की मढैयन, चिलोंगा आदि ग्रामों में फसे व्यक्तियों को प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपेरशन में नखनोली की मढैयन एवं कोषण की मढैयन से लगभग 90 प्रतिशत लोगो को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और उन्हें जिला प्रशासन के बनाये गए राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है। इसी प्रकार मुकुटपुरा, देवालय, नावली वृन्दावन, दिन्नपुरा, रमाकोट में रेस्क्यू आपरेशन जारी है। जिला प्रशासन, होमेगॉर्ड एवं सेना द्वारा लगातार लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

जिला प्रशासन रोशनलाल दैपुरिया महाविद्यालय सुरपुरा, हाईस्कूल विण्डवा, आईटीआई अटेर, मघेरा, शासकीय स्कूल रमाकोट में बनाये गये राहत शिविरों में लाये गए व्यक्तियों को खाने, पीने के इन्तजाम खाद्य विभाग कर रहा है। पशुओं के इलाज को पशु चिकित्सक तैनात किये गये हैं। भिण्ड कलेक्टर छोटू सिंह ने बताया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मचारी, अधिकारी पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। इसी तरह होमगार्ड की नाव, बोट सहित सुरक्षा प्रबंध के संस्थान उपलब्ध कराये गये हैं जल संसाधन, सेतु विकास निगम के सुरक्षा अधिकारी राजस्व का पूरा अमला इस मुहिम में लगा हुआ है। लगातार मोबाइल, दूरभाष सहित वायरलैस से अधिकारी सम्पर्क में बने हुये हैं। श्योपुर जिले में नदी क्षेत्र के 33 गांवों के 6300 ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। इन गावों में 6 राहत रेस्क्यूटीम के माध्यम से कार्यवाही जारी है।

चम्बल नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित गांवों में हुये नुकसान की भरपाई करेगा शासन

मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि कोटा बैराज से चम्बल नदी में पानी छोडऩे से जिले के कई गांवों का सम्पर्क टूट गया है। इसके लिये जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के सहयोग से करीबन 20 गांव के लोगों को जिला प्रशासन की टीम ने उन्हें बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ठहराया है। उन्होंने स्वयं ग्राम पंचायत सरसैनी के ग्राम बरसैनी, बहादुर पुरा, बेद पुरा, सती आदि स्थानों पर पहुंचकर राजस्व टीम के माध्यम से ग्रामीणों को निकलवाया और उन्हें नजदीकी स्कूल में शिफ्ट कराया है। उन्होंने बताया कि चम्बल नदी में आई बाढ़ से जिन गांव के लोगों की पानी से हुये नुकसान का शासन द्वारा भरपाई की जायेगी। चम्बल नदी उतरने के बाद राजस्व अधिकारियों की टीम गांव-गांव भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेगी और हुये नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बाढ़ से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराई जायेगी।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में दिनभर बारिश थमी रही, लेकिन शाम होते ही फिर जोरदार बारिश शुरू हो गई थी। लेकिन मंगलवार को भी सुबह से मौसम साफ है और आसमान में बादलों के बीच से सूर्यदेव के दर्शन हो रहे हैं, लेकिन चम्बल नदी का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पूरे चम्बल संभाग में बाढ़ का आलम है। यहां सेना की मदद से रेस्क्यू चलाया जा रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्लाटून कमान्डेन्ड गोविन्द शर्मा ने बताया कि सेना के जवान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे हैं। भू-अभिलेख अधीक्षक काजल दीक्षित ने बताया कि सोमवार को देर शाम तक मुरैना जिले के 20 गांव के 2 हजार 275 लोगों को राहत कैम्पों में पहुंचाया गया है। प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई स्थानों पर आर्मी, एसएएफ और होमगार्ड, एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 27 शासकीय, अशासकीय स्कूलों में 18 और 19 सितम्बर को भी अवकाश घोषित कर दिया है।

Updated : 18 Sep 2019 11:41 AM GMT
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Swadesh Digital

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