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इंदौर-भोपाल में एक साथ शुरू होगा ह्यूमन मिल्क बैंक, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की कोशिश

एक साथ शुरू होगा ह्यूमन मिल्क बैंक

इंदौर-भोपाल में एक साथ शुरू होगा ह्यूमन मिल्क बैंक, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की कोशिश
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जिन बच्चों को मां का दूध नहीं मिलता, उनका आईक्यू सामान्य बच्चों की तरह नहीं होता।

इंदौर/भोपाल.जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे काे मां का दूध मिल जाए तो शिशु मृत्यु दर में 22 फीसदी की कमी लाई जा सकती है। मप्र में नवजात शिशु मृत्यु दर प्रति हजार पर 47 है जो राष्ट्रीय औसत (41 बच्चे प्रति हजार) से भी ज्यादा है। इसीलिए नेशनल हेल्थ मिशन के तहत सरकार पहले चरण में इंदौर और भोपाल में ह्यूमन मिल्क बैंक शुरू करने जा रही है। इंदौर के 550 बिस्तर वाले एमटीएच महिला अस्पताल में (लेक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट) शुरू किया जाएगा। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक ने एनओसी भी जारी कर दी है। प्रारंभिक चरण में मिल्क बैंक में बच्चे की मां का दूध ही स्टोर किया जाएगा।

मेकेनाइज्ड ब्रेस्ट पम्प समेत कई सुविधाओं की जरूरत
- शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में केवल 35 प्रतिशत बच्चों को ही मां का दूध मिल पाता है। मेडिकल कॉलेज के एमवायएच में सर्वाधिक 1500 प्रसूति हर माह होती है। इसलिए महिलाओं और बच्चों के लिए शुरू होने वाले नए अस्पताल एमटीएच में इसे शुरू किया जाएगा।

- एनएचएम के आयुक्त एस. विश्वनाथन ने डीन डॉ. शरद थोरा को पत्र लिखकर दो हजार स्क्वेयर फीट जगह मांगी है। इसमें मिल्क स्टोरेज एरिया, रिसेप्शन, काउंसलिंग एरिया, क्लीनिंग एरिया और मां के लिए चेंजिंग रूम रहेगा। - इसके अलावा यहां मेकेनाइज्ड ब्रेस्ट पम्प, मिल्क स्टोरेज यूनिट्स, थाविंग फैसिलिटी, वाॅशिंग फैसिलिटी, डिस्पेंसिंग ऑफ मिल्क और रिकाॅर्ड रूम की जरूरत होगी। पहले फेज के तहत इंदौर में यह यूनिट स्थापित की जा रही है। इसमें एक एनजीओ तकनीकी सेवा प्रदान करेगा। यह एनजीओ वर्तमान में हैदराबाद स्थित देश के सबसे बड़े धात्री मदर मिल्क बैंक को सहयोग कर रहा है।

अस्पताल में भर्ती बच्चे को भी देंगे फार्मूला मिल्क

- ज्यादातर प्री-टर्म बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्हें किसी कारण से मां का दूध नहीं मिल पाता। स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सीधे मां का दूध नहीं मिल पाने का सबसे बेहतर विकल्प एक्सप्रेस्ड ब्रेस्ट मिल्क (ईबीएम) है।

- यह मां का दूध भी हो सकता है या डोनर ह्यूमन मिल्क (डीएचएम) भी। बच्चा सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट, न्यूबोर्न स्टैबलाइजेशन यूनिट या नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती रहता है तो उसे फार्मूला मिल्क दिया जाएगा।


Updated : 4 Jun 2018 6:26 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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