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यूट्यूब देखकर किया इलाज, मरीज की मौत

यूट्यूब देखकर किया इलाज, मरीज की मौत
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। जयारोग्य चिकित्सालय में आए दिन चिकित्सकों व नर्सों की लापरवाही के मामले सामने आते हैं। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन कार्रवाई करने की जगह शिकायत के इंतजार में बैठा रहता है। इसी के चलते इस बार नर्स के यूट्यूब से देखकर उपचार करने के एक अनूठे प्रयोग ने 45 वर्षीय मरीज की जान ले ली। इस पर परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया और जमकर चिकित्सकों व स्टाफ को खरी-खोटी सुना डालीं। छतरपुर निवासी वीरेन्द्र को बुखार के चलते सोमवार को जयारोग्य अस्पताल के मेडिसिन विभाग के मेडिसिन वार्ड-1 के पलंग नम्बर 44 पर भर्ती किया गया था। मृतक के पुत्र सुजल बिलैया ने बताया कि शनिवार रात को नर्स ड्यूटी पर मौजूद थी, जिससे चिकित्सक खाने की नली लगाने की कह कर चले गए थे, लेकिन नर्स को नली लगाना नहीं आ रहा था तो उसने मोबाइल पर यूट्यूब पर नली लगाने का वीडियो देखकर नली लगा दी। जैसे ही नली लगाई तो पिताजी की हालत खराब होने लगी। हंगामा करते हुए वीरेन्द्र की बेटी सुहानी ने आरोप लगाया कि पिताजी की हालत बिगड़ी देख उन्होंने वार्ड में मोजूद चिकित्सकों से हाथ जोड़कर नली निकालने के लिए काफी निवेदन किया।

लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी और यह कहते हुए भगा दिया कि तुम्हारे चिकित्सक अभी नहीं आए हैं, उन्हीं को अपनी परेशानी बताना। इसके बाद परिजन दूसरे वार्ड में भी पहुंचे तो कम्पाउण्डर तक ने उनकी नहीं सुनी। इसके बाद सुबह छह बजे चिकित्सक देखने आए और पिताजी को ठीक बताकर चले गए, लेकिन चिकित्सक के जाते ही उनकी मृत्यु हो गई। परिजन सुबह करीब 11 बजे तक हंगामा करते रहे। इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. ओ.पी. जाटव वार्ड में पहुंचे और शव विच्छेदन कराने की बात कही। इसके बाद परिजन बिना शिकायत किए शव लेकर घर चले गए।

गैलरी में काटे पांच दिन : मृतक वीरेन्द्र के साले संतोष गुप्ता का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन मनमानी कर रहा है। नर्सिंग स्टाफ और जूनियर चिकित्सक सुनवाई करने की बजाय धमका रहे हैं। पांच दिन तक तो अस्पताल के वार्ड में न तो पलंग मिला और न ही जमीन पर जगह मिली। इस कारण गैलरी में ही लेटकर उपचार कराना पड़ा। छठवें दिन वार्ड में जगह व पलंग मिल गया। रात में हालत बिगडऩे पर जब शिकायत की गई और नली हटाने के लिए कहा तो किसी ने सुनवाई नहीं की, जिससे वीरेन्द्र की मौत हो गई।

चिकित्सकों ने बताई खून की कमी

इस मामले में चिकित्सकों का कहना था कि मरीज वीरेन्द्र को खून की कमी थी। इस कारण उसकी मृत्यु हुई है, जबकि परिजनों का कहना था कि मरीज को खून की कमी थी तो हम लोग खून देने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन चिकित्सकों ने खून नहीं चढ़ाया और वे दवाइयों से खून बढ़ाने की बात कहते रहे।

इनका कहना है

मुझे इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अगर शिकायत आएगी तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. जे.एस. सिकरवार, अधीक्षक, जयारोग्य अस्पताल समूह

Updated : 1 Oct 2018 1:05 PM GMT
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