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स्मार्ट सिटी ग्वालियर : कागजों में ही योजनाएं दिख रही स्मार्ट, धरातल पर आने का जनता को है इन्तजार

विशेष प्रतिनिधि - स्वदेश वेब

स्मार्ट सिटी ग्वालियर : कागजों में ही योजनाएं दिख रही स्मार्ट, धरातल पर आने का जनता को है इन्तजार
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। देश के 100 स्मार्ट शहरों की दूसरी सूची में शामिल होने के बाद ग्वालियर के लोगों की प्रसन्नता का कोई ठिकाना नहीं था। मंत्रियों से लेकर शहरवासी तक इस बात को लेकर आशान्वित थे कि अब जल्दी ही शहर की शक्लो-सूरत बदल जाएगी। लेकिन सूची में शामिल होने के लगभग दो साल बाद भी शहर की खूबसूरती में कोई खास बदलाव नहीं आया। हालांकि इसके लिए ग्वालियर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया गया, कम्पनी ने कई योजनाएं बनाईं लेकिन अभी तक कोई भी योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है।

ट्रैक पर खटिया, ऑटो स्टैंड, डायल 100 गाड़ी, ठेलों का कब्जा कैसे चलेगी साइकिल ?

स्मार्ट सिटी योजना के अधिकारी नहीं देते ध्यान, ठेकेदार की मर्जी से बन रहे ट्रैक

साइकिल ट्रैक पर कब्जा जमाए कब्जाधारी

स्मार्ट सिटी योजना में शामिल होने के बाद ग्वालियर में रोज नई योजनायें बन रही हैं। एक योजना के तहत स्मार्ट सिटी विभाग शहर में किराये पर साइकिल उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है जिसके तहत साइकिल ट्रैक का निर्माण हो रहा है। लेकिन मजेदार बात ये है कि ट्रैक निर्माण की गुणवत्ता पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है । इतना ही नहीं कई जगह पर लोगों ने ट्रैक पर कब्जा कर रखा है और खटिया डालकर सोते है। फिर भी प्रशासन की आँख बंद है।

शहर के अलग अलग क्षेत्रों में साइकिल ट्रैक बनाये जा रहे हैं । योजना के तहत साइकिल स्टेशन भी बनेंगे जहाँ लोगों को किराये पर साइकिल उपलब्ध होगी। वो इसका इस्तेमाल कर निर्धारित किराया देकर दूसरे स्टेशन पर वापस छोड़ सकता है। करोड़ों रुपये के इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साइकिल ट्रैक निर्माण से हो चुकी है लेकिन खास बात ये है कि स्मार्ट सिटी विभाग ने ठेकेदारों को काम देने के बाद आँख बंद कर ली है। साइकिल ट्रैक निर्माण की गुणवत्ता पर किसी का ध्यान नहीं है। नाम मात्र का डामर और डस्ट से ये ट्रैक बनाये जा रहे हैं जिनका लम्बे समय तक टिक पाना संभव नहीं है।

सिटी सेंटर जीवाजी यूनिवर्सिटी के नजदीक निर्माणाधीन साइकिल स्टेशन

कई जगह नए बने साइकिल ट्रैक पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है एजी ऑफिस से साइंस कॉलेज तक बने साइकिल ट्रैक पर कुछ लोगों ने कब्जा जमा लिया है उनकी खटिया ट्रैक पर बिछी रहती है तो चेतकपुरी के सामने वाले साइकिल ट्रैक पर ऑटो वालों और पानी पूरी वालों का कब्ज़ा है। वहीं विवेकानंद चौराहे के पास साइकिल ट्रैक पर पुलिस की डायल 100 खड़ी रहती है इसे कोई डिस्टर्ब ना करे इसके लिए बाकायदा पुलिस ने अपने बैरिकेड्स भी लगा रखे है।

एक और खास बात ये है कि ठेकेदार ने साइकिल ट्रैक तो बना दिए लेकिन उसके बीच में आने वाली बाधाएं नहीं हटाई। मसलन गांधी रोड पर जगह जगह बिजली के खम्बे और ट्रांसफार्मर लगे हैं । उधर सिटी सेंटर में बने साइकिल ट्रैक के बीच में दर्जनों पेड़ और अन्य बाधाएं हैं लेकिन इसपर ना तो स्मार्ट सिटी विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही नगर निगम। यही हाल चेतकपुरी के पास का है यहाँ बीच ट्रैक पर पेड़ खड़े हैं तो ट्रांसफार्मर भी बीच में लगा है। वहीँ होटल सेन्ट्रल पार्क और साइंस कॉलेज के बनी पुलिया के चलते ठेकेदार ने यहाँ ट्रैक को तोड़कर मोड़ दिया है। यानि जैसी ठेकेदार की मर्जी वैसा साइकिल ट्रैक।

सिटी बस सेवा दौड़ रही अभी कागजों पर,एक भी कम्पनी बस चलाने नहीं आई सामने

दो कंपनियों ने फार्म भरने के बाद किया इंकार, अब 24 को होगी प्री बिड मीटिंग

स्मार्ट सिटी योजना के तहत ग्वालियर शहर के अंदर और बाहर सिटी बस सेवा शुरू करने की योजना है। पिछले लम्बे अरसे से स्मार्ट सिटी कम्पनी इस पर काम कर रही है लेकिन बस चलाने के लिए अभी तक कोई कम्पनी फाइनल नहीं हो पाई है। योजना को कागजों से निकालकर सड़कों पर उतारने के प्रयास कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसीलिए स्मार्ट सिटी कम्पनी ने 24 अगस्त को प्री बिड मीटिंग बुलाई है जिसमें बेस चलाने के लिए इच्छुक वेंडर यानि बस ऑपरेटर्स को बुलाया गया है। स्मार्ट सिटी कम्पनी के सीईओ महिप तेजस्वी के अनुसार इस ओपन मीटिंग में वेंडर्स से उनकी परेशानी पूछी जाएगी और फिर जो कम्पनी तैयार होगी उसे ये जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

स्मार्ट सिटी कम्पनी द्वारा निकाले गए पिछले टेंडर में इंदौर की बस ऑपरेटर फर्म अन्नपूर्णा मोटर्स और ग्वालियर की फर्म नीरज मोटर्स एन्ड ट्रेवल्स ने फार्म डाले थे लेकिन दोनों फर्म ने टेंडर फॉर्म भरते समय गलती कर दी थी. जिस ऑप्शन में शासन से सब्सिडी मिलनी थी उसे छोड़कर दूसरे ऑप्शन चुन लिए थे इसके बाद गलती का अहसास होने के बाद दोनों कंपनियां काम करने के लिए तैयार नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि शासन ने बस चलाने के लिए कंपनी को चार करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के फैसला लिया है। अब कम्पनी एक बार फिर कोशिश कर रही है और उसने ओपन मीटिंग बुलाई है जिसमें बस चलाने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया गया है. स्मार्ट सिटी कम्पनी के सीईओ को उम्मीद है कि जल्दी ही बस सेवा शुरू की जाएगी , बहरहाल कम्पनी बस संचालन के लिए छोटी बार प्रयास कर रही है अब देखना ये है कि स्मार्ट सिटी में स्मार्ट बसें सड़कों पर उतरती हैं या दूसरी योजनाओं की तरह ही कागजों पर ही दौड़ती हैं।

70 लाख रुपये से महाराज बाड़े के टाउन हॉल का हो रहा जीर्णोद्धार

स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी टाउन हाल का निरीक्षण करते हुए.


फिल्म और डांस शो के साथ होगा नाटकों का मंचन

महाराज बाड़े की रंगत एक बार फिर बदलने वाली है। पहले नगर निगम ने लाखों रुपये खर्च कर इसका जीर्णोद्धार किया और बदहाल हो चुकी रीगल टॉकीज को केमिकल ट्रीटमेंट कर फिर से टाउन हॉल का रूप दिया और एक फिर इसकी खूबसूरती निखारी जा रही है। स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड इस पर 70 लाख रुपये खर्च कर रहा है। स्मार्ट सिटी विभाग इसके हेरिटेज लुक को बिना बदले इसे आधुनिक बना रहा है। टाउन हॉल के अंदर डिजिटल साउंड सिस्टम लगेगा , रंगीन लाइट्स लगेंगी जिससे नाटक, फिल्म और डांस शो के दौरान दर्शकों को एक अलग अनुभूति का अहसास हो। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत शुरू किये गए कार्यों में टाउन हाल शुरूआती काम है और शुरू स्मार्ट सिटी के सीईओ महीप तेजस्वी सहित कम्पनी के अन्य अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। लेकिन ये अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। हालाँकि कम्पनी का दावा है कि इसका काम 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है और ये बहुत जल्दी जनता को समर्पित होगा।

लेडीज पार्क , नेहरू पार्क और शिवाजी पार्क की बदल रही सूरत

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अनुरूप लेडीज पार्क का निर्माण

मंत्री माया सिंह ने 15 अगस्त तक काम पूरा करने के दिए थे निर्देश

स्मार्ट सिटी योजना के तहत छत्री बाजार क्षेत्र में बना लेडीज पार्क , पाटनकर बाजार स्थित शिवाजी पार्क और कम्पू में स्थित नेहरू पार्क करोड़ों रुपये की लागत से खूबसूरत बनाये जा रहे हैं। तीनों पार्कों के जीर्णोद्धार पर कई करोड़ का खर्चा किया जा रहा है। लेडीज पार्क का प्रोजेक्ट पौने तीन करोड़ रुपये का है इसी तरह अन्य दोनों पार्कों में राशि खर्च की जा रही है। लेकिन कई महीनों से जारी काम खत्म नहीं हो पा रहा है। पिछले महीने नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने विकास कार्यों के निरीक्षण के दौरान स्मार्ट सिटी के तहत किये जा रहे कार्यों को भी देखा था और अधिकारियों को 15 अगस्त तक नेहरू पार्क कम्प्लीट करने के निर्देश दिए थे , इससे पहले जून में नगर निगम कमिश्नर विनोद शर्मा ने भी अधिकारियों को 15 दिन में तीनों पार्कों का काम पूरा करने का निर्देश दिया था लेकिन अधिकारियों , कर्मचारियों ने इन दोनों ही आदेशों को हवा में उड़ा दिया। हालांकि स्मार्ट सिटी विभाग का दावा है कि तीनों पार्कों का काम 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है और जल्दी ही इनका लोकार्पण किया जाएगा।

इन सबके अतिरिक्त बीती 7 जुलाई को ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के फेसिलिटेशन सेंटर में स्मार्ट सिटी कम्पनी की पांच बड़ी योजनाओं का शिलान्यास किया गया था जिनकी लागत 30.79 करोड़ है। इनमें 6.20 करोड़ से बनने वाला कंट्रोल कमांड सेंटर भवन, 6.78 करोड़ की लागत से बनने वाला प्लेनेटोरियम एवं डिजिटल वर्चुअल म्यूजियम, 0.54 करोड़ से बनने वाला क्षेत्रीय आर्ट एन्ड क्राफ्ट डिजाइन सेंटर, 17.12 करोड़ की लागत से बनने वाली स्मार्ट सड़कें और 14.08 लाख की लागत से बनने वाला पर्यटक सूचना केंद्र शामिल है। इन योजनाओं के अलावा भी स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड योजनएं बना रहा है लेकिन हकीकत ये हैं कि ये सभी योजनाएं सिर्फ कागजों पर या प्रजेंटेशन में ही स्मार्ट दिख रही हैं जमीं पर कैसी दिखेंगी और कब तक दिखेंगी इसका शहरवासियों को बेसब्री से इन्तजार है।

Updated : 24 Aug 2018 5:29 PM GMT
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Swadesh Digital

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