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मुख्यमंत्री मुद्दे पर आखिर क्या कहते-कहते रुक गए सिंधिया...

लाल बत्ती, कुर्सी की कभी सोच नहीं रही, जन अकांक्षाओं के लिए लिख रहा हूं मुख्यमंत्री को पत्र

मुख्यमंत्री मुद्दे पर आखिर क्या कहते-कहते रुक गए सिंधिया...
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ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की जुबान पर आखिर सोमवार को वह राज आते-आते रह गया जो उनसे कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के निर्णय के समय कहां गया था। एक दिवसीय ग्वालियर प्रवास पर आए श्री सिंधिया शाम को उत्सव वाटिका में दीपावली एवं ईद मिलन समारोह के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। जब उनसे यह कहा गया कि ग्वालियर चंबल संभाग में इतने विधायक जीते, इसका श्रेय आपको जाता है, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 70 साल के इतिहास में ऐसा हुआ है, इसके लिए मैं कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं।फिर जैसे ही उनसे यह पूछा गया कि आपको मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया? इसपर वह बोले कि जिस समय यह निर्णय लिया जा रहा था, तब मुझसे पूछा गया था, कुछ कहा गया था, फिर इतना कहते-कहते वह रुक गए और बोले- नहीं नहीं रहने दीजिए। यानीकि उनकी जुबान पर लगभग वह बात आ रही थी जो कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाते समय उनसे कही गई थी, किंतु किसी वजह से वह उस राज को खोलने से बचे।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सवाल को उन्होंने यह कहकर टाला कि उन्होंने पिछले 17 साल में कभी लाल बत्ती अथवा कुर्सी के लिए अपना नाम आगे नहीं रखा, पद तो सिर्फ सेवा का माध्यम होता है। फिर आपके समर्थक बार बार इस पद के लिए धरना आंदोलन क्यों कर रहे हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें वह विश्वास नहीं रखते। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बार ग्वालियर लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे? तब उन्होंने कहा कि मैंनै 17 वर्ष गुना-शिवपुरी का सांसद रहते जो काम वहां कराए, वही काम मुरैना, भिंड, ग्वालियर में भी कराए। इस दौरान मैं ग्वालियर से कभी अलग नहीं रहा। ग्वालियर में बार-बार विकास की बैठकों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में हमारी सरकार नहीं थी, उस समय बैठक करके क्या करते, आज हमारी सरकार है, इसलिए विकास के लिए बैठकें कर रहा हूं। केंद्र में हमारी सरकार के रहते मैंने ग्वालियर अंचल के लिए काफी काम कराए। इसके लिए उन्होंने अडूपुरा, राजीव गांधी ग्रामीण विकास, अस्पताल, सीवेज सहित हर साल एक नई ट्रेन देने की बात कही। अयोध्या मसले पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को उन्होंने स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि अब राजनीति समाप्त। अब हमें अहम मुद्दों प्रगति और विकास की ओर बढ़ना होगा। महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक पर उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि जनादेश भाजपा और शिवसेना गठबंधन को मिला है, किंतु इनमें विखराव हो जाने के कारण स्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं, लेकिन जनता के हित में शीघ्र सरकार बनना चाहिए। कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन के सवाल को उन्होंने यह कहकर टाला की इसका निर्णय केंद्रीय नेतृत्व करेगा।

Updated : 12 Nov 2019 9:57 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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