Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > सत्ता बदलते ही हावी होने लगे खनन माफिया, भयभीत नजर आ रहा है वन विभाग का अमला

सत्ता बदलते ही हावी होने लगे खनन माफिया, भयभीत नजर आ रहा है वन विभाग का अमला

गड्ढे भरने के बाद भी नहीं रुका अवैध खनन अभयारण्य में फिर सक्रिय हुए खनन कारोबारी

सत्ता बदलते ही हावी होने लगे खनन माफिया, भयभीत नजर आ रहा है वन विभाग का अमला
X

ग्वालियर, न.सं.। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद घाटीगांव के सोनचिरैया अभयारण्य से लेकर मुरैना के चम्बल अभयरण्य तक खनन माफिया हावी होने लगे हैं। अभी-अभी सत्ता में आई कांग्रेस के मंत्रिमंडल ने अभी शपथ भी नहीं ली है। इससे पहले ही खनन माफिया की जोरदार आमद हो चुकी है तो आने वाले भविष्य में क्या हालात बनेंगे? इस कल्पना मात्र से ही वन विभाग का मैदानी अमला भयभीत नजर आ रहा है। विशेषकर वन विभाग के वे कर्मचारी डरे हुए हैं, जिन पर वन क्षेत्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इसके लिए उन्हें दिन-रात वन क्षेत्रों में गश्त करना पड़ता है।

यहां बता दें कि वन मंडल ग्वालियर के अंतर्गत घाटीगांव उत्तर और सोनचिरैया अभयारण्य की गैमरेंज घाटीगांव के वन क्षेत्रों में उच्च कोटि का फर्शी पत्थर मौजूद है, जिसकी मांग भारत के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक है। चूंकि राजस्व क्षेत्र की फर्शी पत्थर की अधिकांश खदानें बंद हैं। यही कारण है कि इस कीमती फर्शी पत्थर को प्राप्त करने के लिए खनन माफिया चोरी-छिपे वन क्षेत्रों में अवैध खनन करते हैं। इसका प्रमाण विभिन्न वन क्षेत्रों में मौजूद सैकड़ों वे गड्ढे हैं, जो स्वयं ही खनन माफिया की सक्रियता की कहानी बयां कर रहे हैं। पिछले दिनों वन विभाग ने अवैध खनन रोकने की दृष्टि से घाटीगांव गैमरेंज वन परिक्षेत्र में मौजूद गड्ढें को जेसीबी की मदद से भरवा दिया था। इसके साथ ही खाई आदि खोदकर इन अवैध खदानों की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया था। इसके बाद से ही घाटीगांव गैमरेंज में अवैध खनन लगभग बंद था। वन विभाग इन बंद गड्ढों की निरंतर निगरानी का दावा भी कर रहा था, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद घाटीगांव गैमरेंज में खनन माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार खनन माफिया ने बंद किए गए कुछ गड्ढों को खोल लिया है तो कुछ नए गड्ढे भी खोद डाले हैं, जिनसे फर्शी पत्थर निकाला जा रहा है। इसका खुलासा विगत गुरुवार को तब हुआ, जब वन अमले द्वारा घाटीगांव गैमरेंज के अंतर्गत खाड़ी नाला वन क्षेत्र से अवैध फर्शी पत्थर जब्त किया गया। डांडा खिड़क वन चौकी के अंतर्गत आने वाले खाड़ी नाला वन क्षेत्र से गुरुवार को करीब पांच घन मीटर फर्शी पत्थर सहित बड़ी मात्रा में अवैध खनन में प्रयुक्त औजार भी जब्त किए गए। इधर विधानसभा चुनाव उपरांत घाटीगांव उत्तर वन परिक्षेत्र की भटपुरा वन चौकी क्षेत्र के अंतर्गत सिरसन बाड़ी, चुलबुली और बजरंग पहाड़ी आदि वन क्षेत्रों से भी अवैध खनन की खबरें आ रही हैं। हालांकि वन विभाग इसे नकार रहा है। उधर चम्बल नदी में भी रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो चम्बल में रेत माफिया पहले से ही सक्रिय थे, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद रेत माफिया की सक्रियता और ज्यादा बढ़ गई है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। बहरहाल वन मंडल ग्वालियर में अचानक सक्रिय हुए खनन माफिया को रोकने के लिए यदि कड़े कदम नहीं उठाए गए तो वन क्षेत्रों को जहां भारी नुकसान पहुंचेगा वहीं सोनचिरैया पुनर्वास प्रबंधन योजना भी विफल हो जाएगी और चम्बल में जलचर जीवों का जीवन प्रभावित होगा।

''गुरुवार को खाड़ी नाला क्षेत्र से चार-पांच घन मीटर फर्शी पत्थर सहित कुछ औजार जब्त किए गए थे। वन क्षेत्रों में खनन माफिया के हावी होने जैसी कोई बात नहीं है। अवैध खनन रोकने के लिए हम लोग हर स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं। दिन-रात हमारे कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त भी कर रहे हैं। हम किसी कीमत पर वनों को क्षति नहीं पहुंचने देंगे।ÓÓ

जी.एल. जोनवार

उप वन मंडल अधिकारी, घाटीगांव

Updated : 15 Dec 2018 1:24 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top