Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > डेंगू पीड़ितों की संख्या 100 के पार, स्वास्थ्य विभाग के हाथपांव फूले

डेंगू पीड़ितों की संख्या 100 के पार, स्वास्थ्य विभाग के हाथपांव फूले

घोषित हाईरिस्क जोन में मिले अधिक रोगी, स्वास्थ्य विभाग की एंटी लार्वा एक्टिविटी असफल

डेंगू पीड़ितों की संख्या 100 के पार, स्वास्थ्य विभाग के हाथपांव फूले
X

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के सरकारी दावे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से झूठे साबित हो रहे हैं। स्वाइन फ्लू से एक रोगी की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में नहीं आ पाया है जिसका नतीजा ये है कि डेंगू ने अपने पांव पसारना शुरू कर दिए हैं। इस सीजन में अबतक 112 रोगी डेंगू के चिन्हित हो चुके हैं।

खतरनाक माने जाने वाले डेंगू मच्छर ने शहरवासियों को अपना जहरीला डंक मारना शुरू कर दिया है। सबसे विषम स्थिति पिछले साल घोषित किये गए हाईरिस्क जोन में है। पिछले साल मिले डेंगू प्रकरणों के आधार पर वार्ड क्रमांक 18 और 51 को हाईरिस्क जोन घोषित किया गया था। वार्ड 18 के अंतर्गत दीनदयाल नगर और उसके आसपास के क्षेत्र आते हैं जबकि वार्ड 51 के अंतर्गत सिकंदर कम्पू, समाधिया कॉलोनी और उसके आसपास के क्षेत्र आते हैं।

बुधवार को जारी की गई डेंगू रिपोर्ट में 31 डेंगू पीड़ितों में से 20 ग्वालियर के हैं और इनमें से 12 दीनदयाल नगर क्षेत्र के हैं। रिपोर्ट के आधार पर अब तक का आंकड़ा देखेंगे तो ये 112 पहुँच गया है। उधर रिपोर्ट आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वो लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी चला रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार पाटीदार के अनुसार पिछले लगभग एक महीने से दीनदयाल नगर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लार्वा एक्टिविटी चला रही है, लोगों को कूलर्स की सफाई, पानी जमा नहीं होने देने की सलाह दे रही है इसके बाद भी प्रकोप बढ़ रहा है। श्री पाटीदार इसके लिए दीनदयाल नगर में खाली पड़े घरों को जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में बहुत से घरों में ताले लगे है और वहां भरे हुए पानी में लार्वा पनप रहे है और डेंगू बढ़ रहा है। श्री पाटीदार क्षेत्र में बनी पानी की टंकियां, घरों में बने ओवरहेड टैंक, क्षेत्र में होने वाला पशुपालन, जाम पड़ी नालियां आदि को भी मच्छर का लार्वा पनपने का जिम्मेदार बता रहे हैं। हालाँकि उनका दावा है कि नगर निगम के सहयोग से पिछले एक महीने से यहाँ एक दिन छोड़कर फॉगिंग कराई जा रही थी जिसे आज से नियमित कराया जा रहा है।

पिछले कुछ वर्षों के डेंगू प्रकरणों पर निजर डालेंगे तो मालूम चलेगा कि 2015 में 2486 टेस्ट किये गए थे जिनमें 466 डेंगू पॉजिटिव निकला, इस साल 2 की मृत्यु डेंगू से हुई। 2016 में 3467 टेस्ट हुए जिनमें 707 रोगियों को डेंगू की पुष्टि हुई लेकिन मृत्यु किसी की भी नहीं हुई। 2017 का आंकड़ा देखें तो 1818 रोगियों का परीक्षण किया गया जिनमें से 471 में डेंगू पाया गया और 1 रोगी की मृत्यु डेंगू से हुई। अर्थात पिछले चार वर्षों से शहर में डेंगू का लगातार प्रकोप है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसके बावजूद भी कोई ऐसा ठोस उपाय अबतक नहीं कर पाया कि शहर के लोगों को डेंगू के डंक से बचाया जा सके।

Updated : 20 Sep 2018 3:56 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top