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ग्वालियर :निर्मोही अखाड़े को राम मन्दिर निर्माण न्यास में मिले पर्याप्त प्रतिनिधित्व, संत सभा का आयोजन

गंगादास की शाला में संत व महंतों की महत्वपूर्ण बैठक

ग्वालियर :निर्मोही अखाड़े को राम मन्दिर निर्माण न्यास में मिले पर्याप्त प्रतिनिधित्व, संत सभा का आयोजन
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ग्वालियर, न.सं.। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए बनने वाले न्यास में निर्मोही अखाड़े की भूमिका एवं प्रतिनिधित्व तय करने के लिए सोमवार को लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित सिद्धपीठ गंगादास जी की बड़ी शाला में निर्मोही अखाड़े से जुड़े प्रमुख साधु-संतों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। शाला के महंत पूरन बैराठी पीठाधीश्वर महंत रामसेवकदास महाराज की अध्यक्षता में दोपहर में हुई इस बैठक में अयोध्या में बनने वाले राममंदिर में निर्मोही अखाड़े की ओर से सकारात्मक सहयोग का संकल्प व्यक्त किया गया। इसके साथ ही इस बात का प्रस्ताव पारित किया गया कि मंदिर निर्माण के लिए प्रस्तावित न्यास में निर्मोही अखाड़े की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और रामानंदीय निर्मोही अखाड़े के समस्त पंच, सरपंच एवं महंत को शामिल किया जाए। इतना ही नहीं वे राम मंदिर में आ जा सकेंगे और उनकी सुरक्षा की व्यवस्था सरकार करेगी।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या भूमि विवाद में पक्षकार रहे निर्मोही अखाड़े का संबंध रामानंदी संप्रदाय से है। अखाड़ा रामलला के पूजन के अधिकार की मांग करता रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी केन्द्र सरकार को न्यास में निर्मोही अखाड़े को समुचित प्रतिनिधित्व देने के निर्देश दिए थे। तदनुसार केन्द्र्gwa सरकार ने निर्मोही अखाड़े को न्यास में शामिल होने के लिए अपना प्रतिनिधि तय करने को कहा है। इसी क्रम में निर्मोही अखाड़े से जुड़े प्रमुख संत सोमवार को गंगादास जी की शाला में एकत्रित हुए थे। निर्मोही अखाड़ा वृंदावन के अध्यक्ष मदनमोहनदास महाराज ने बैठक में लिए गए निर्णयों और उसमें पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में निर्मोही अखाड़े के संतों ने मंदिर निर्माण व्यवस्था एवं प्रबंधन में अखाड़े की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की है। संतों ने प्रस्ताव पारित करते हुए जल्द से जल्द न्यास बनाकर राम मंदिर निर्माण की मांग केंद्र सरकार से की। साथ ही कहा की मंदिर निर्माण के लिए होने वाले शिलान्यास में पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े के सभी पंच सरपंच और महंतों को शामिल किया जाए। इस आशय का प्रस्ताव भी बैठक में पारित किया गया है। महंत मदनमोहनदास महाराज ने बताया कि रामजन्मभूमि की पूजा व्यवस्था भी पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े के रीति रिवाजों से किए जाने का प्रस्ताव इस वैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया।

यह संत मौजूद रहे बैठक में:-

बैठक में निर्मोही अखाड़ा अयोध्या के महंत दिनेन्द्रदास महाराज, चित्रकूट निर्मोही अखाड़े के महंत भगवानदास महाराज कामतानाथ प्रमुख मुखारबिंद के सरपंच नृसिंहदास महाराज, गोवर्धन निर्मोही अखाड़े के महंत सीतारामदास महाराज, राजस्थान के रामसुरेशदास जी महाराज (राधे-राधे बाबा) निर्मोही अखाड़े के प्रमुख संरक्षक गुजरात के स्वामी रामचन्द्राचार्य महाराज एवं महंत जगदीश दास महाराज शामिल हुए । सभी ने बैठक में मंदिर निर्माण के लिए पूर्ण सहयोग देने एवं सकारात्मक भूमिका के निर्वहन का संकल्प व्यक्त किया। साथ ही कहा कि सरकार भी सर्वोच्च न्यायालय की मंशा के अनुरूप निर्मोही अखाड़े को साथ लेकर कार्य करे और जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण करे, ताकि हिन्दू समाज अपने आराध्य भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा-अर्चना कर सके।

तुलसी मानस प्रतिष्ठान ने किया संतों का सम्मान:-

श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु प्रस्तावित न्यास में निर्मोही अखाडे के प्रतिनिधित्व करने की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने आए संत महंतों का सोमवार को तुलसी मानस प्रतिष्ठान में स्वागत कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष राकेश जादौन, सचिव महेश मुदगल रामबाबू कटारे, अचलेश्वर न्यास के अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल, सचिव भुवनेश्वर वाजपेयी आदि उपस्थित थे।

Updated : 21 Jan 2020 7:39 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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