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भीमा को फरार कराने व बंदूक लूट का मास्टरमाइंड निकला अजय

भीमा को फरार कराने व बंदूक लूट का मास्टरमाइंड निकला अजय
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तीन माह आठ दिन बाद पकड़ में आया अंतर्राज्यीय गिरोह बदमाशों से सघन पूछताछ जारी

ग्वालियर/न.सं. महाराजपुरा थाना क्षेत्र में भीमा यादव को पुलिस अभिरक्षा से फरार कराने और पुलिस की इंसास रायफल लूटकांड का मास्टरमाइंड अजय जडेजा निकला। उत्तर प्रदेश के अंतर्राज्यीय बदमाश अजय जडेजा ने ही पूरी कहानी रचकर भीमा को लेकर जा रही पुलिस पार्टी पर हमला कराया था। कुख्यात बदमाश अजय पर उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से पचास हजार रुपए का इनाम घोषित था।

पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया 7 दिसम्बर 2018 को महाराजपुरा हाइवे पर 30 हजार के इनामी बदमाश भीमा यादव को उसके साथी पुलिस पार्टी पर हमला करके छुड़ाकर अपने साथ ले गए थे। भीमा को अपराध शाखा की टीम ने जौरासी घाटी से शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अंतर्राज्यीय बदमाश अजय जडेजा के साथ दबोच लिया। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि अजय जडेजा ने ही भीमा को पुलिस अभिरक्षा से फरार कराने और पुलिस पार्टी से रायफलें लूटने की योजना रची थी। वह इस वारदात का मास्टरमाइंड था। अजय जडेजा के साथ भीमा का बड़ा भाई देवेन्द्र उर्फ फौजी, उसका साला अवनीश यादव सहित अन्य बदमाश थे। योजना के मुताबिक अजय जडेजा ने महाराजपुरा हाइवे पर सुनसान रोड देखते ही पुलिस की गाड़ी को ओवरटेक करके रोक लिया था और हमला करके भीमा को अपने साथ छुड़ाकर ले गए थे। अजय जडेजा ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने और रायफलें लूटने की वारदात स्वीकार कर ली है। पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से अभी एक इंसास रायफल बरामद नहीं की जा सकी है। पुलिस इंसास रायफल बरामद करने के लिए माथापच्ची कर रही है। अजय जडेजा उर्फ अजय यादव और भीमा यादव रायफल को वारदात के बाद फेंककर भागने की बात कह रहे हैं, लेकिन बदमाशों की कहानी पर पुलिस को विश्वास नहीं हो रहा है। बदमाशों को रिमांड पर लेकर पुलिस अन्य वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है।

भीमा को गोहद में छुड़ाने की थी योजना

अजय जडेजा ने भीमा को भिण्ड न्यायालय से पेशी से लौटते समय गोहद में पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने की योजना बनाई थी, लेकिन रेलवे स्टेशन पर जल्दी पहुंंचने के कारण पुलिस ने गाड़ी को नहीं रोका और ग्वालियर जाकर खाना खाने की बात कही थी। अजय व देवेन्द्र फौजी अपने साथियों के साथ पुलिस की गाड़ी का पीछा कर रहे थे और जैसे ही वह महाराजपुरा सुनसान स्थान पर पहुंंचे तो पुलिस पार्टी पर हमला कर भीमा को छुड़ा लिया।

भीमा का आपराधिक रिकार्ड

भीमा ने भिण्ड में वर्ष 2008, 2009, 2017 में हत्या की तीन वारदातें की थीं। इसके अलावा उसके विरुद्ध हत्या के प्रयास, आम्र्स एक्ट, सीआरपीसी, अपहरण, पुलिस पार्टी पर हमला, लूटपाट सहित 19 प्रकरण पंजीबद्ध हैं।

अवनीश का आपराधिक रिकार्ड

भीमा के साले अवनीश यादव के विरुद्ध दो हत्याओं के अलावा हत्या के प्रयास, आम्र्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, फौजदारी, सीआरपीसी सहित 13 प्रकरण मैनुपरी ग्वालियर में पंजीबद्ध हैं।

दो वर्ष से उप्र व हरियाणा पुलिस को थी अजय की तलाश

उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस अजय जडेजा को दो वर्ष से लगातार पकडऩे के लिए दबिश दे रही थी, लेकिन वह चकमा देकर हर बार बचकर भागने में सफल हो जाता था।

अजय जडेजा का आपराधिक रिकार्ड

अजय ने झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में वर्ष 1995 में पहली हत्या की थी। इसके बाद उसने 2002 में दो, 2004 में एक, 2005 में एक, 2006 में एक, 2005 में एक और 2008 में एक हत्या की वारदात की थी। उसके विरुद्ध कुल आठ हत्याओं के अलावा हत्या के प्रयास, अपहरण, फिरौती, आम्र्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, मारपीट सहित करीब तीन दर्जन प्रकरण झांसी, मेरठ, हरियाणा, आगरा, फिरोजाबाद, ऐटा धौलपुर, गुडग़ांव, भिवानी, नोएडा व ग्वालियर में दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि अजय ने कम से कम एक दर्जन और हत्या की वारदातें की होंगी, जिनके संबंध में पूछताछ की जा रही है।

उप्र में एनकाउंटर मप्र में बचाई जान

योगी राज में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुख्यात बदमाशों को ढूंढ़-ढूंढक़र एनकांउटर में ढेर कर दिया। अजय की भीमा के साले अवनीश के जरिए पहचान हुई थी। भीमा भागने के बाद से ही पुलिस के सम्पर्क में था। अजय ने पुलिस के टपकाने के भय से भीमा के साथ रहने में भलाई समझी और फिर वह म.प्र. पुलिस के हाथ आने पर राहत की सांस ले रहा होगा।

घर पर बात करने के लिए लिया रिक्शे वाले का सहारा

पुलिस ने बताया कि अजय और भीमा का गिरोह अपने पास मोबाइल नहीं रखता था। फरारी के दौरान जब भी उनको घर पर बात करना होती थी तो वह किसी भी रिक्शे वाले का सहारा लेकर उसके मोबाइल से बात करते थे। कार में पहचान छिपाने के लिए नकली दाड़ी, मूंछ, पगड़ी और कार पर दिल्ली हरियाणा की फर्जी नेम प्लेट लगाकर घूमते थे।

Updated : 15 March 2019 6:49 PM GMT
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Naveen Savita

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