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कांग्रेस के लिए 'अमृत' बन सकता है 'जहर'

कांग्रेस के लिए अमृत बन सकता है जहर
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खस्ता हाल सडक़ों से बिगड़ रही सरकार की छवि

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि

लोकसभा चुनाव में सडक़ों का मुद्दा एक बार फिर से कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनने वाला है। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में इसे प्रमुख मुद्दा बनाकर जनता के बीच वोट मांगने की रणनीति तैयार कर रही है। बारिश के मौसम में शहर की घायल हुईं सडक़ें और अमृत योजना के तहत सीवर व पानी की लाइन डालने के लिए की जा रही खुदाई अब लोगों के लिए जानलेवा साबित होती जा रही है। अमृत योजना के तहत की गई खुदाई के कारण सडक़ें पूरी तरह से गायब सी हो गई हैं और लोग गड्ढेदार सडक़ों पर चलने को मजबूर हैं। खुदी पड़ी सडक़ों को और नगर में व्याप्त जनसमस्याओंं को लेकर नागरिक महापौर व पार्षदों को खरी-खोटी सुना रहे हैं।

नहीं चेता नगर निगम प्रशासन

महानगर में अमृत योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों से शहरवासियों को हो रही परेशानी और सीवर व पानी की लाइन डालने के लिए की जा रही खुदाई के गड्ढों से बीते रोज हुई एक युवक की मौत के बाद भी नगर निगम प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही हैं। बीते दिनों अमृत योजना के तहत खोदे गए गड्ढे में गिरकर एक युवक की मौत भी हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी आज तक कई जगह मौत के गड्ढे खुदे पड़े हुए हैं।

कांग्रेस पार्षद ने प्रभारी मंत्री को सौंपी अमृत योजना की फाइल

बीते रोज शहर में आए प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार को कुछ पार्षदों ने अमृत योजना को लेकर शिकायते की है। वहीं एक कांग्रेसी पार्षद ने अमृत योजना की पूरी फाइल भी सौंप दी है। जिस पर श्री सिंघार ने मामले की जांच का आश्वासन कांग्रेस पार्षद को दिया है।

नेता प्रतिपक्ष को अभी तक नहीं मिला पत्र

अमृत योजना के कार्यों को लेकर नगर निगम परिषद में विपक्ष के हंगामे पर बौखलाए सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित को भले ही भ्रष्टाचार की परतें खोलने की जिम्मेदारी दे दी हो, लेकिन जांच के लिए अभी तक उन्हें विधिवत पत्र नहीं दिया गया है, जिसके चलते अब नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित शासन को पत्र लिखने वाले हैं। विगत 21 जनवरी को परिषद में विपक्षी पार्षदों ने अमृत योजना के कार्यों में नियमों की अनदेखी कर करोड़ों के भुगतान को लेकर नगर निगम को 50 लाख से ज्यादा की वित्तीय हानि पर जमकर हंगामा किया था, लेकिन जिम्मेदारी देने वाले नगर निगम अधिकारी अभी तक जांच की जिम्मेदारी वाला पत्र नहीं दे पाए है

निगमायुक्त के बंगले पर अधिकारियों में हुआ मुंहवाद

अमृत योजना को लेकर मचे बवाल को लेकर सोमवार को निगमायुक्त ने अपने बंगले पर अमृत से जुड़े अधिकारियों को तलब कर लिया। जहां अधिकारियों के साथ अमृत योजना को लेकर काफी मंथन किया गया। इसी दौरान अमृत योजना से जुड़े दो अधिकारियों के बीच मुंहवाद हो गया, यह पूरा घटना क्रम निगमायुक्त के सामने होता रहा, लेकिन मामला बढ़ता देख निगमायुक्त ने कार्रवाई करने की बजाय दोनों अधिकारियों को शांत कराया।

Updated : 11 Feb 2019 7:34 PM GMT
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Naveen Savita

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