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अब नीदरलैंड की विशेष टीम संवारेगी स्वर्णरेखा को, नदी में एक बार फिर बहेगा साफ पानी

नीदरलैंड सरकार के प्रतिनिधियों और एक्सपर्ट्स ने किया स्वर्ण रेखा का अवलोकन, स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों को भी देखा

अब नीदरलैंड की विशेष टीम संवारेगी स्वर्णरेखा को, नदी में एक बार फिर बहेगा साफ पानी
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। ग्वालियर शहर के बीच से बहने वाली खूबसूरत स्वर्णरेखा कई प्रयासों के बाद भी गंदे नाले के कलंक से मुक्त नहीं हो पा रही है। इसको मूल स्वरूप में लाने के लिए नगर निगम सहित कई अन्य एजेंसियों ने करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। लेकिन अब इसको एक बार फिर संवारने के प्रयास हो रहे हैं और अबकी बार इसे नीदरलैंड सरकार की विशेषज्ञों की टीम के सहयोग से संवारा जाएगा।

अपने दो दिवसीय प्रवास पर ग्वालियर आये नीदरलैंड सरकार के वैश्वीकरण प्रभाग के हेड डेनियल लिप्सचिट ने शनिवार को स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी, नगर निगम के नोडल अधिकारी प्रोजेक्ट शिशिर श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारीयों के साथ स्वर्ण रेखा नदी का अवलोकन किया और स्मार्ट सिटी प्लान के अनुसार शहर में किये जा रहे विकास कार्यों को भी देखा। श्री डेनियल ने शहर के बीचोबीच से बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी के शुरुआती क्षेत्र हनुमान बांध से स्वर्णरेखा का अवलोकन करते हुये लक्ष्मीबाई स्मारक तक भ्रमण किया । इस दौरान सीईओ श्री तेजस्वी ने स्मार्ट सिटी के स्वर्ण रेखा नदी के कायाकल्प प्रोजेक्टस के बारे में विस्तार से श्री डेनियल को जानकारी दी। श्री डेनियल ने हनुमान बाँध से पहले वीरपुर बाँध को भी देखा। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी के विकास कार्यो में नीदरलैंड के सहयोग से क्या काम किये जा सकते है इन संभावनाओं को तलाशने के उद्देश्य से शुक्रवार को नीदरलैंड से आये प्रतिनिधि डेनियल ने निगमायुक्त विनोद शर्मा व ग्वालियर स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी से बात की थी और प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्मार्ट सिटी के विकास कार्यो को समझा था। जिसके बाद उन्होने स्मार्ट सिटी के स्वर्ण रेखा नदी के कायाकल्प के कार्य को लेकर विशेष रुचि दिखाई थी।


श्री डेनियल ने स्वर्णरेखा को देखने के बाद बताया कि स्वर्णरेखा की वाटरबॉडी को बहुत बेहतर बनाया जा सकता है उन्होंने स्वर्ण रेखा की तली में बिछी सीवर लाइन के पानी का ट्रीटमेंट कर उपयोगी बनाने के साथ ही इसके आसपास के क्षेत्र को सुन्दर बनाने के विकास कार्यो में भी सहयोग देने की बात कही। इस दौरान बोट क्लब पर नगरनिगम के नोडल अधिकारी प्रोजेक्ट शिशिर श्रीवास्तव ने स्वर्णरेखा पर पूर्व में हुये विकास कार्यो की जानकारी भी श्री डेनियल को दी। स्वर्णरेखा के अवलोकन के बाद श्री डेनियल ने बाड़ा स्थित ऐतिहासिक बिल्डिंग्स को भी देखा और उन्होंने टाउन हॉल सहित बाड़े की अन्य ऐतिहासिक बिल्डिंग्स की बनावट शैली की काफी प्रशंसा की।


उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को स्मार्ट सिटी के तहत श्री डेनियल के सामने दिए गए प्रेजेंटेशन में स्वर्णरेखा के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये की योजना बताई गई थी। जिसपर श्री डेनियल ने तकनीकी सहयोग देने की सहमति भी व्यक्त की। योजना के अनुसार नीदरलैंड की विशेष टीम स्वर्णरेखा की तली में बिछी सीवर लाइन के पानी को विशेष तकनीक से साफ करेगी और उसे उपयोगी बनाएगी। नीदरलैंड सरकार ये सहयोग 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री के बीच हुए एमओयू के अंतर्गत दे रही है। स्वर्णरेखा को संवारने की योजना के अंतर्गत इसके दोनों किनारे पर लेंड स्केप बनाये जायेंगे, पार्क विकसित किये जायेंगे। यहाँ बताना जरूरी है कि नीदरलैंड के पास सीवर, वाटर ट्रीटमेंट और सोलर एनर्जी की बेहतर तकनीक है इसीलिए उन्होंने ग्वालियर में स्वर्णरेखा को संवारने में रुचि दिखाई है। उम्मीद की जा सकती है कि अब इसमें जो पैसा लगे वो बहे नहीं बल्कि इसकी दशा को सुधारे और स्वर्णरेखा को खूबसूरत बनाकर उसके मूल स्वरुप में वापस लौटा दे।

Updated : 8 Sep 2018 7:08 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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