मप्र : खदानों एवं तबादला उद्योग चलाने पर मंत्री का हंगामा !
दिल्ली में सिंधिया के बंगले पर पहुंचकर की शिकायत
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ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। प्रदेश में 15 सालों के बाद कांग्रेस की सरकार आने पर खदानों की बंदरबांट एवं तबादला उद्योग के तमाम किस्से प्रकाश में आ रहे हैं। इस बीच प्रदेश की एक महिला मंत्री ने नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बंगले पर हंगामा खड़ा कर दिया। उनका आरोप है कि उनके क्षेत्र में कुछ कांग्रेस नेता टीआई के तबादले और खदानों की बंदरबांट कर कांग्रेस को बदनाम कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला मंत्री तीन रोज पहले सिंधिया के दिल्ली स्थित बंगले पर पहुंची और वहां हंगामा खड़ा कर दिया।
उनका कहना था कि डबरा एवं बिलौआ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन कराया जा रहा है,जिसमें दलाल किस्म के कुछ कांग्रेस नेता शामिल हैं।उनका आरोप है कि यह नेता कुछ टीआईयों के तबादले में भी पैसे का लेनदेन कर रहे हैं।जिससे सीधे कांग्रेस की बदनामी हो रही है। यहां बता दें कि महिला मंत्री का जिस ओर इशारा है उस कथित नेता की पत्नी पार्षद का चुनाव हार चुकी हैं। उसके तार सीधे दिल्ली दरबार में एक कर्मचारी से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि बात किसी भी तरह के टिकट वितरण की हो या कांग्रेस के किसी पद की, इस नेता के द्वारा चुटकियों में यह सारे काम करा दिए जाते हैं। इसके लिए माधव नगर क्षेत्र में भी एक अधिकारी के यहां भी उसकी घुसपैठ बताई गई है। बताते हैं कि मंत्री को अपने क्षेत्र में यह लोग किसी भी तरह का काम नहीं करने दे रहे,जिससे नाराज होकर वह सीधे दिल्ली दरबार में जा पहुंची। अब देखना यह होगा कि ईमानदारी के लिए मशहूर श्री सिंधिया इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं।
सत्ता का एक केन्द्र माधवनगर में भी
कांगे्रस के सत्ता में आते ही माधवनगर का एक बंगला सत्ता का केन्द्र बन गया है। जहां प्रदेश भर के आईएएस और आईपीएस के अलावा अन्य अधिकारियों के वाहन खड़े दि ााई देते हैं। यदि इस बंगले से इशारा मिल गया तो कलेक्टर, एसडीएम, पुलिस कप्तान बनने में देर नहीं लगती। इसीलिए इसे सत्ता का केन्द्र बिन्दू भी माना जा रहा है।
बिलौआ टीआई बने फुटबॉल
इस बीच बिलौवा थाना क्षेत्र के टीआई का तीन बार बदली होना चर्चाओं में है।कहा जा रहा है कि जो भी टीआई यहां आता है वह किसी न किसी नेता की चिलम भरकर आता है।किंतु दूसरा नेता उसका तबादला करा देता है। तीन महीने में यहां तीन थाना प्रभारी बदले जा चुके हैं। यह भी चर्चा का विषय है कि ऐसा क्यों हो रहा है। जो टीआई यहां से हटाए गए हैं, वे अपना दुखड़ा सुना रहे हैं कि उन्होंने उच्च स्तरीय सेवा के बदले थाना पाया,किंतु इतनी जल्दी कैसे हटा दिया गया।
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