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जयारोग्य का ब्लड बैंक निजी अस्पतालों पर मेहरबान

जयारोग्य में भर्ती मरीज प्लेटलेट्स के लिए हो रहे परेशान

जयारोग्य का ब्लड बैंक निजी अस्पतालों पर मेहरबान
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। शहर में इन दिनों जहां डेंगू व मलेरिया कहर बरपा रहा है वहीं जयारोग्य अस्पताल का ब्लड बैंक निजी अस्पतालों पर मेहरबान है। जयारोग्य में भर्ती मरीजों को प्लेटलेट्स के लिए परेशान होना पड़ रहा है, जबकि निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को उधारी में प्लेट्लेटस उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लड बैंक से अधिकतर उन मरीजों को ही प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई गईं, जो निजी अस्पताल में भर्ती हैं।

जयारोग्य के ब्लड बैंक में पिछले आठ दिनों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो यहां से 30 मरीजों को प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई गईं, जिनमें से 19 मरीज ऐसे हैं, जो निजी अस्पताल में भर्ती थे। इतना ही नहीं, बाहर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी उधारी में प्लेट्लेटस उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका उदाहरण गत दिवस तब देखने को मिला, जब सेनिक अस्पताल में भर्ती सेना के एक जवान को उधारी में एफरोसिस बैग मंगाकर प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई गई, जबकि रविवार को जयारोग्य में भर्ती मरीजों के लिए प्लेट्लेटस लेने पहुंचे उनके परिजनों को लौटा दिया गया। शिवपुरी निवासी हीरालाल गत दिनों जयारोग्य के मेडिसिन आईसीयू में भर्ती हुए थे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की बात कही। इस पर परिजन जब ब्लड बैंक पहुंचे तो उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया गया कि एफरोसिस बैग उपलब्ध नहीं है, इसलिए बाहर से निजी ब्लड बैंक से खरीद लें। ऐसे में सवाल यह है कि जब सेनिक अस्पताल में भर्ती मरीज को उधरी में एफरोसिस बैग मंगाकर प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई जा सकती है तो फिर जयारोग्य में भर्ती मरीजों को क्यों लौटाया जा रहा है?

जिला अस्पताल में भी खत्म हुई किट

जिला अस्पताल में रखी एफरोसिस मशीन से भी मरीजों के लिए प्लेटलेट्स निकाली जाती है, लेकिन यहां भी सिर्फ एक ही किट बची है। ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. एस.के. वर्मा का कहना है कि अस्पताल में प्लेट्लेटस के लिए डिमांड नहीं आती है। अगर डिमांड आएगी तो हम एफरोसिस किट मंगा लेंगे।

निजी ब्लड बैंक में लगते हैं दस हजार रुपए

जयारोग्य अस्पताल में भर्ती गरीब मरीजों को प्लेटलेट्स नि:शुल्क दी जाती है, जबकि सामान्य मरीजों को करीब दस हजार रुपए चुकाना पड़ते हैं, लेकिन अब एफरोसिस बैग खत्म हो जाने के कारण जयारोग्य में भर्ती गरीब मरीजों को प्लेटलेट्स के लिए निजी ब्लड बैंक में दस हजार रुपए तक चुकाना पड़ रहे हैं।

रात में भी दी गई प्लेटलेट्स

जयारोग्य के ब्लड बैंक में पिछले आठ दिनों में जिन 30 मरीजों को प्लेटलेट्स दी गई, उनमें से 19 ऐसे मरीज हैं, जो निजी अस्पताल में भर्ती थे। इतना ही नहीं, इन 19 मरीजों में से 18 ऐसे मरीज है, जिन्हें रात के समय इमरजेंसी में प्लेटलेट्स दी गई। इसको लेकर यह सवाल उठ रहा है कि जब जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन के पास एफरोसिस बैग खत्म हो गए थे तो फिर निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को प्लेटलेट्स क्यों उपलब्ध कराई जा रही थी, वह भी रात के समय।

Updated : 15 Oct 2018 1:03 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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