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क्षेत्राधिकारी करते हैं मनमानी, सुनवाई नहीं, तो आत्मदाह कर लेंगे

200 रु. बिजली बिल का लालच, शहर का हर चौथा व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए बन गया मजदूर, क्षेत्रीय कार्यालय पांच में नहीं ले रहे आवेदन, लोग हो रहे परेशान

क्षेत्राधिकारी करते हैं मनमानी, सुनवाई नहीं, तो आत्मदाह कर लेंगे
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ग्वालियरजिले में सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए शहर का हर चौथा व्यक्ति मजदूर बन गया। बीते दो माह के दौरान जिले में 2 लाख से अधिक असंगठित श्रमिक निकल कर सामने आए हैं। जिसमें से 1.50 लोगों का सत्यापन किया गया। साथ ही 50 हजार ऐसे श्रमिक पाए गए हैं जो पहले से ही श्रमिक निर्माण में पंजीकृत थे या फिर लोगों की उम्र 50 से अधिक है। ऐसे श्रमिकों के आवेदन निरस्त हो गए। पंजीकृत आंकड़ों को देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि साधन संपन्न और आर्थिक रूप से सक्षम लोगों ने भी सरकार की योजना का लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन कराया है। जिसमें सबसे ज्यादा लोगों का रुझान हर माह 200 रुपए आने वाला बिजली बिल का लालच है। योजना के तहत पंजीकृत लोगों का जून माह तक का करोड़ों रुपए का बिजली बिल भी माफ हो चुका है। उधर शहर के क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक पांच पर आने वाले हितग्राही वहां बैठे कर्मचारियों से परेशान हो रहे हैं। हितग्राहियों का आरोपी है कि बीते दो दिनों से कर्मचारी बैठ नहीं रहे हैं और जब वह मिलते हैं, तो अगले दिन आने की बात कह लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ज्ञात हो कि बीते दिनों कम्प्यूटर ऑपरेटर रवि के साथ वहां के स्थानीय लोगों ने मारपीट कर डाली थी। जबकि यहां आए दिन हितग्राहियों के साथ अभद्रता से व्यवहार किया जा रहा है। साथ ही क्षेत्रीय अधिकारी राकेश कश्यप भी अपने कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं। जिसके चलते वहां पर बैठे कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं।

क्षेत्राधिकारी की भी नहीं सुनते कर्मचारी:-क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक पांच के क्षेत्राधिकारी राकेश कश्यप भी अपने क्षेत्रीय कार्यालय पर ध्यान नहीं दे रहे हंै। जिसके चलते वहां पर आए दिन मारपीट जैसी घटनाएं हो रही हैं। कार्यालय मे बैठे कर्मचारी हितग्राहियों से अभद्रता से बात करते हंै। लेकिन इस ओर क्षेत्रीय अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है।

कार्यालय में न तो क्षेत्राधिकारी, न ही कर्मचारी:-शहर के क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक पांच की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां न तो क्षेत्रीय अधिकारी बैठ रहे हैं और न ही कर्मचारी। हितग्राही जब क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचते हैं, तब कर्मचारी अपने कार्यालय से गायब रहते हैं। जिसके चलते हितग्राही परेशान हो रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक से लगाई गुहार मांग रहे हैं पैसे

क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक पांच पर हुए हंगामे के बाद जॉनी राजावत के पिता ने भी पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है। जॉनी के पिता ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए कहा है कि क्षेत्रीय कार्यालय में बैठे लोग पैसे मांग रहे थे, उन्होंने कहा कि उनके बेटे को बिना वजह फंसाया जा रहा है। जिसके चलते मामले की जांच कराई जाएं।

कर्मचारियों ने मारने के लिए निकाले थे डंडे, मां की गाली दी थी

बीते दिनों क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक पांच पर हुए हंगामे के बाद नगर निगम ने जॉनी राजावत के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई है। उसने स्वदेश से चर्चा के दौरान बताया कि बीते 15 दिन पहले असंगठित मजदूरी कार्ड के लिए फार्म जमा किया था। जिसकी जानकारी लेने के लिए वह क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा था। जहां पर बैठे कर्मचारियों ने अभद्रता करते हुए कहा कि हम लोग क्या पागल है, तुमको कोई भी जानकारी लेनी है, नई बिल्डिंग में जाओ। बात बढऩे के के बाद इस दौरान कर्मचारियों ने युवक को मारने के लिए डंडे भी निकाल लिए। जिससे घबराया जॉनी बाहर आ गया। इसी बीच दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई थी। ऐसा जॉनी ने स्वदेश को बताया है। लेकिन जॉनी ने बताया कि उसने किसी भी सामान को कोई हाथ नहीं लगाया, यहां तक कि शासकीय काम में कोई रुकावट भी नहीं डाली।

जॉनी ने कहा, कर्मचारियों ने फैंका सामान

जॉनी ने बताया कि विवाद होने के बाद जब वह वापस घर जाने को हुआ, तभी कर्मचारियों ने ही अपने हाथों से कम्प्यूटर व टेबल जमीन पर पटक दी व झूठी शिकायत थाने में दर्ज करवा दी है। जॉनी ने बताया कि मैंने कोई भी सामान नहीं फैंका है, मुझे बिना वजह फंसाया गया है।

इनका कहना है

'मैं पिछले दस दिन से चक्कर काट रहा हूं, लेकिन मेरी समग्र आईडी का कोई अता पता नहीं है। यहां पर बैठे कर्मचारी बदतमीजी से बात करते हैं। कुछ पूछो तो बोलते हंै कि हमें नहीं पता। अगर इन्हें नहीं पता है, तो यहां बैठे क्यों हैं ? अगर मेरी समग्र आईडी नहीं बनी, तो मैं निगम ऑफिस में जाकर आत्मदाह कर लूंगा।ÓÓ

धु्रव पाल सिंह तोमर

क्षेत्रीय निवासी

''रोज 250 से 300 आवेदन आ रहे हैं। बीच में पोर्टल बंद हो जाता है, जिसके चलते परेशानी आती है। लेकिन बंद जैसी कोई बात नहीं है। ÓÓ

प्रदीप श्रीवास्तव

नोडल अधिकारी

Updated : 19 July 2018 10:43 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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