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किसानों का ही मेला है और किसान ही यहां नहीं हैं : मुन्नालाल

गौ पूजन कर किया किसान मेला एवं पशु प्रतियोगिता का शुभारंभ

किसानों का ही मेला है और किसान ही यहां नहीं हैं : मुन्नालाल
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ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर व्यापार मेला की विरासत कमजोर हो गई है। इसे मजबूत करने की आवश्यकता है। श्री सिंधिया ने प्रशांत गंगवाल और डॉ. प्रवीण अग्रवाल को जिम्मेदारी दी है कि वह मेला की कमजोर विरासत को मजबूत करें। यहां किसान मेला व पशु प्रतियोगिता का शुभारंभ हो रहा है लेकिन पंडाल में एक भी किसान नहीं बैठा है। इस पंडाल में अगले वर्ष से किसान भी उपस्थित होना चाहिए, तभी यह मेला किसान मेला कहलाएगा। यह बात मुख्य अतिथि की आसंदी से विधायक मुन्नालाल गोयल ने कही। अवसर था ग्वालियर व्यापार मेला में राज्य स्तरीय किसान मेला एवं पशु प्रतियोगिता के शुभारंभ का। अध्यक्षता विधायक प्रवीण पाठक ने की।

कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि ने गौ पूजन से की। मुख्य अतिथि ने कहा कि संभाग के किसानों के आने से यहां भाई-चारा बढ़ेगा। पशु मेला ग्वालियर व्यापार मेला की पहचान है। हमें इस पहचान को कमजोर नहीं होने देना है। इस अवसर पर मेला के अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मेला सचिव मजहर हाशमी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री दुष्यंत साहनी, पशु मेला संयोजक मेहबूब खाँ चेनवाले एवं कांग्रेस नेता संगीता जोशी उपस्थित थे। संचालन डॉ. आर.एम. स्वामी एवं आभार पशु पालन विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अशोक सिंह तोमर ने व्यक्त किया।

पहले यह मेला सागरताल पर लगता था:-

विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि पशु मेला सर्वप्रथम माधव महाराज प्रथम द्वारा सागरताल पर शुरू किया गया था। धीरे-धीरे इस मेले का विस्तार होता गया और यह मेला आज यहां आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक व्यवस्था में पशु मेले का अपना विशेष महत्व है, लेकिन आधुनिकीकरण के कारण धीरे-धीरे घरों में पशु पालन एवं भैंस पालन के प्रति लोगों का रूझान कम हुआ है।

अगले वर्ष से उठेगी मेला की डंडी:-

मेहबूब खाँ चेनवाले ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह मेला 100 वर्ष से अधिक पुराना है। पहले यह मेला पशु मेला के नाम पर ही लगता था पर कुछ वर्ष पहले पशु मेला को खत्म कर दिया गया। यह पशु मेला एक बार फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मेला का शुभारंभ नहीं मेला की डंडी उठने के साथ मेला का शुभारंभ होगा।

शनिवार व रविवार को लगेगी पशु हाट:-

मेला उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि 1906 में सिंधिया राजवंश ने पशु मेला शुरू किया था। पिछले 15 वर्ष के दौरान पशु मेला ने अपनी पहचान खो दी। आने वाले समय में पशु मेला मध्य प्रदेश का एक बड़ा मेला होगा। उन्होंने कहा कि मेला अवधि के बाद यहां पशु हाट शुरू होने जा रही है। यह हाट हर शनिवार और रविवार को लगेगी। इस हाट में बड़े स्तर पर किसान भाई पशुओं की खरीदी एवं बिक्री कर सकेंगे।

राजकुमार दुबे ने जताई नाराजगी:-

हुआ यूँ कि मेला मंच पर अतिथियों को बैठाने और सत्कार करने का दौर चल रहा था। मंच पर कुछ कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्षों को बैठा दिया। जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुरार कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजकुमार दुबे ने कहा कि मंच पर सभी ब्लॉक अध्यक्षों को बैठाया जाए कुछ एक को नहीं। श्री दुबे की बात सुनते ही मंच पर कुछ सैकण्ड के लिए सन्नाटा छा गया।

नहीं आए दिग्गी समर्थक:-

यह मेला सिंधिया जी का मेला है। पशु मेला के शुभारंभ हेतु जो कार्ड वितरित किए गए थे, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खास लोगों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इन विशेष लोगों में अपैक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक सिंह, खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा, खादी ग्रामोद्योग के सचिव ब्रहमोहन परिहार तीनों ही उपस्थित नहीं हुए।

Updated : 25 Dec 2019 10:46 PM GMT
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