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ग्वालियर पर सिंधिया फेंक सकते हैं दांव, प्रियदर्शनी को मजबूत करने को भेजा चहेते को

ग्वालियर पर सिंधिया फेंक सकते हैं दांव, प्रियदर्शनी को मजबूत करने को भेजा चहेते को
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ग्वालियर। मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में एक ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। भाजपा ने यहां से महापौर विवेक शेजवलकर को चुनाव मैदान में उतारा है, इसलिए कांग्रेसी इसे कमजोर दांव मानकर अभी से ही भाजपा की हार मानकर चलने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते हैं कि ग्वालियर से अशोक सिंह चुनाव लड़ें या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में आएं।

हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना छोड़ना नहीं चाह रहे और अपनी पत्नी प्रियदर्शनी राजे को चुनाव मैदान में उतारने से इंकार करते रहे हैं। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया भी इस बारे में साफ कर चुके हैं। बावजूद इसके सिंधिया समर्थक मानकर चल रहे हैं कि ग्वालियर से महल का व्यक्ति चुनाव मैदान में आएगा। महल के खास लोग भी यही मानकर चल रहे हैं कि ग्वालियर से अंतिम क्षण में ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ने आएंगे।

मालूम हो कि वर्ष 1984-85 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव लड़ रहे थे तो अंतिम क्षणों में स्व.माधवराव सिंधिया ने चुनाव मैदान में उतरकर अटल जी की हार सुनिश्चित कर दी थी।

इसलिए हो रही है टिकट में देरी : राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर योगेन्द्र मिश्रा कहते हैं कि सिंधिया का बेटा भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो रहा है। आने वाले पांच सालों में वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाएगा। ऐसे में महल को दो लोकसभा क्षेत्रों की जरूरत होगी। इसलिए ज्योतिरादित्य गुना और ग्वालियर दोनों पर कब्जा रखकर चलना चाह रहे हैं। गुना-शिवपुरी-अशोकनगर संसदीय क्षेत्र सिंधिया परिवार का परंपरागत क्षेत्र है तो ग्वालियर से भी ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस से और दादी मां राजमाता सिंधिया भी सांसद रह चुकी हैं।

सिंधिया रास्ता छोड़ें तभी टिकट तय हो: ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजहठ के कारण ही ग्वालियर-चंबल की तीन सीट ग्वालियर,भिंड और गुना पर टिकट फाइनल नहीं हो पाए हैं। वैसे जानकारों का कहना है कि नाम निर्देशन पत्र 16 अप्रैल से भरे जाएंगे, इसलिए एक दो दिन और इंतजार हो जाए तो बड़ी बात नहीं होगी। भाजपा ने भी गुना छोड़कर शेष तीनों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। गुना सिर्फ इसलिए छोड़ा गया है ताकि पता चले वहां कौन आ रहा है? यहां बताना मुनासिब होगा कि गुना को जातिगत हिसाब से मजबूत करने के लिए महल से ग्वालियर,भिंड और मुरैना से चुनिंदा लोगों की गुना में ड्यूटी लगाई जा रही है जो सजातीय वोटों पर असर डाल सकें। जातीय नेताओं की ड्यूटी प्रियदर्शनी को मजबूती देने के लिए बताई जा रही है।

उधर विवेक, संध्या जुटे काम में : उधर ग्वालियर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर और भिंड से भाजपा प्रत्याशी संध्या राय दोनों अपने काम में जुट गए हैं। संध्या राय ने भिंड-दतिया के तहसील केन्द्रों पर पहुंचकर वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से मिलने का काम तेज कर दिया है। ग्वालियर में विवेक शेजवलकर भी मंडल, विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रहे हैं।

Updated : 10 April 2019 8:44 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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