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अधिकारियों के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे कर्मचारी, बनाई फर्जी अंकसूची

सहायक कुलसचिव ने छात्र का परिणाम अनुपस्थित करने के दिए थे निर्देश करेक्शन सेल के बाबू आंखों पर पट्टी बांधकर बना रहे अंकसूची

अधिकारियों के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे कर्मचारी, बनाई फर्जी अंकसूची
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ग्वालियरजीवाजी विश्वविद्यालय के बाबू व कर्मचारी अधिकारियों के निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। अधिकारियों के सख्त निर्देशों के बाद भी वह सही तरीके से काम नहीं कर रहे और गड़बडिय़ों व फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। जिसका जीता-जागता उदाहरण मंगलवार को सामने आया। सहायक कुलसचिव द्वारा बीए के छात्र का परिणाम एक विषय में अनुपस्थित दर्शाकर अंकसूची बनाने की नोटशीट बढ़ाई पर करेक्शन सेल के कर्मचारियों ने अनुपस्थित दर्शाने की बजाय छात्र की पास की अंकसूची बना दी। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया।

शासकीय पीजी कॉलेज शिवपुरी के बीए तृतीय सेमेस्टर के छात्र आकाश परिहार ने दिसंबर 2017 में तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा दी थी। उसने हिंदी विषय की परीक्षा देने की बजाय अंग्रेजी विषय की परीक्षा दी। जबकि प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर में उसने हिंदी विषय में ही परीक्षा दी थी। परिणाम आने के बाद आकाश ने अपनी गलती छुपाते हुए विवि को आवेदन दिया कि अंकसूची में हिंदी की जगह अंग्रेजी विषय लिख दिया गया है। सहायक कुलसचिव एसएस तेवतिया ने फाइल आगे बढ़ाते हुए करेक्शन सेल को निर्देशित किया कि संबंधित विषय में छात्र का रिजल्ट अनुपस्थित कर करके अंकसूची बनाई जाए। उसके बाद यहां के बाबुओं ने फर्जी अंकसूची बना दी और अनुपस्थित करने की बजाय पास की अंकसूची बना दी। यहां तक कि अंग्रेजी की जगह हिंदी विषय भी लिख दिया। जब यह अंकसूची सहायक कुलसचिव के पास जांच के लिए आई तो वह देखकर दंग रह गए। उन्होंने परीक्षा भवन से छात्र का पूरा रिकार्ड दिखवाया तो उसमें भी अंग्रेजी विषय ही था। अब सहायक कुलसचिव ने संबंधित अंकसूची को निरस्त कर छात्र का नए सिरे से अंकसूची बनाने की फाइल बढ़ा दी है। इसके अलावा यह लापरवाही करने वाले बाबुओं पर भी कार्रवाई हो सकती है।

एआर नहीं देखते तो पास की मिलती अंकसूची

बाबुओं ने इतनी बढ़ी गलती व लापरवाही कैसे की इस पर भी संदेह पैदा हो रहा है। यह भी बात सामने आ रही है कि बाबुओं ने छात्र से मिलीभगत करके पास की अंकसूची बना दी। इस विषय पर भी अधिकारी जांच कर रहे हैं। यदि सहायक कुलसचिव अंकसूची को बारीकी से नहीं देखते तो छात्र को पास की अंकसूची मिल जाती। अंकसूची मिलने के बाद यह मामला उजागर ही नहीं होता।

इनका कहना है

पीजी कॉलेज के बीए तृतीय सेमेस्टर के छात्र ने हिंदी की जगह पर अंग्रेजी विषय की परीक्षा दी थी। छात्र का जब रिकार्ड दिखाया तो उसमें अंग्रेजी विषय ही दर्शा रहा था, इसलिए करेक्शन सेल को निर्देशित किया गया कि वह छात्र का परिणाम संंबंधित विषय में अनुपस्थित दर्शाकर अंकसूची प्रदान करें लेकिन उन्होंने हिंदी विषय जोड़कर पास की अंकसूची बना दी है। अब पुन: परिणाम अनुपस्थित कराने की नोटशीट बनाई जाएगी। इस मामले में किसकी लापरवाही रही उस संबंध में अधिकारियों को भी लिखा जाएगा।

-एसएस तेवतिया

सहायक कुलसचिव, जीवाजी विवि

Updated : 18 July 2018 10:38 AM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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