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अब नहीं रहेगा पेयजल संकट, चंबल बुझाएगी प्यास

398 करोड़ के चंबल प्रोजेक्ट को केन्द्र से मिली मंजूरी 65 किमी तक बिछाई जाएगी पाइप लाइन

अब नहीं रहेगा पेयजल संकट, चंबल बुझाएगी प्यास
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ग्वालियर न.सं.। ग्वालियर की आबादी इस समय पानी की किल्लत से जूझ रही है। एक दिन छोड़कर तिघरा से पानी की सप्लाई की जा रही है। पानी को लेकर घमासान मचा हुआ है और लोगों के सिर फूट रहे हैं। ग्वालियर की आबादी की प्यास स्थायी रूप से कहां से बुझ सकती है इस पर लंबे समय से मंथन चला और मंत्रियों व अधिकारियों के बीच नूरा-कुश्ती भी देखने को मिली। चंबल से पानी लाने की कार्ययोजना बनाई गई। फिलहाल चंबल से पानी लाने की परियोजना एवं बजट की स्वीकृति मिलने के बाद ग्वालियरवासियों को यह आस जरूर जाग गई है कि अब उनकी कंठ चंबल ही बुझाएगी।

ग्वालियर में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 2050 को टारगेट कर चंबल नदी से ग्वालियर के तिघरा डेम तक पानी लाने के प्रोजेक्ट को केन्द्रीय शहरी विकास विभाग द्वारा स्वीकृति मिल गई। योजना की मंजूरी के साथ ही ग्वालियर की पेयजल समस्या के स्थायी निदान का रास्ता साफ हो गया है। इस योजना के अंतर्गत 398 करोड़ खर्च कर चंबल से तिघरा तक 65 किमी पाइप लाइन बिछाई जाएगी।

जिसके बाद बरसात में चंबल से लोहे के पाइपों द्वारा लगभग 150 एमएलडी पानी तिघरा में डालकर लबालब किया जा सकेगा। दिल्ली में शुक्रवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव डीपी मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक हुई। बैठक में साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, ईएनसी प्रभाकांत कटारे, निगमायुक्त विनोद शर्मा व अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य के अलावा डीपीआर तैयार करने वाली फर्म मेहता एण्ड मेहता के सदस्यों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से चंबल योजना की विस्तुत जानकारी दी। जिस पर सचिव श्री मिश्रा ने कार्ययोजना को मंजूर प्रदान कर दी। मुरैना-धौलपुर के बीच स्थित चंबल से पानी लाने की योजना 398 करोड़ रूपए की है। जिसके लिए 25 प्रतिशत राशि लगभग 100 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। शेष 298 करोड़ की राशि 7 प्रतिशत की दर पर केंद्र सरकार ऋण के रूप में उपलब्ध कराएगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह के विशेष प्रयासों से इस योजना को स्वीकृति मिली है।

150 एमएलडी पानी की आवश्यकता

वर्ष 2050 की जरूरत के हिसाब से ग्वालियर के लिए चंबल नदी से बरसात के दिनों में अतिरिक्त पानी बहाव के दौरान 150 एमएलडी तिघरा बांध तक लाने की योजना है। जिसमें 65 किमी लंबी पाइप लाइन पर 1500 एमएम व्यास की पाइप बिछाना प्रस्तावित है।

लोहे की होंगी पूरी पाइप, एक होगा इंटेकवैल

65 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन पूरी तरह से लोहे की होगी और नदी के मुहाने पर मुरैना-ग्वालियर तक पानी लेने के लिए इंटेकवैल एक ही होगा। इसके बाद मुरैना व ग्वालियर के लिए पानी बूस्ट करने के लिये एक प्लांट भी बनाया जायेगा।

नूराबाद पर बनेगा बैक प्रेशर टैंक

इस प्रोजेक्ट में चंबल नदी के नीचे होने व तिघरा के ऊपर होने पर पानी लिफ्ट करने के लिए नूराबाद पर बैक प्रेशर टैंक बनाने का कार्य होगा।

कई विभागों से ली एनओसी

नगर निगम ने पानी लाने की डीपीआर में वाइल्ड लाइफ बोर्ड, जल संसाधन विभाग, रेलवे व राजस्व विभाग के अलावा बिजली कंपनी और एनएचएआई से एनओसी लेकर प्रस्तुत की गई है।

Updated : 14 July 2018 12:04 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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