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ग्रहों की चाल के आधार पर चिकित्सा हो सकती है अधिक प्रभावकारी

जीवाजी विश्व विद्यालय के गालव सभागार में दो दिवसीय ऑल इंडिया एस्ट्रोलॉजर्स कॉनक्लेव – 2019 शुरू, देश भर से आये ज्योतष विद्वान और विदुषी ले रहे हैं हिस्सा

ग्रहों की चाल के आधार पर चिकित्सा हो सकती है अधिक प्रभावकारी
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ग्वालियर। जीवाजी विश्व विद्यालय के गालव सभागार में शनिवार को दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन "ऑल इंडिया एस्ट्रोलॉजर्स कॉनक्लेव – 2019" का शुभारंभ हुआ। सम्मेलन का विषय "चिकित्सा ज्योतिष के सिद्धांतों में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन की आवश्यकता" रखा गया है।

दो दिवसीय आयोजन में कई सत्र होंगे जिसमें देश के अलग अलग हिस्सों से आये ज्योतिषाचार्य इस विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त करेंगे और अपने पेपर और शोध प्रस्तुत करेंगे । उद्धघाटन सत्र में ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि मानव शरीर जिन पांच तत्वों से मिलकर बना है उस पर हमारे ग्रहों का सतत प्रभाव रहता है। ग्रहों की चाल के कारण ही हमें विभिन्न बीमारियां प्रभावित करती है। ऐसे में यदि चिकित्सा क्षेत्र में ग्रहों की दशा पर विचार करके बीमारी का इलाज किया जाए तो उसमें विशेष लाभ हो सकता है। मॉडर्न एस्ट्रो रिसर्च सोसायटी "मार्स" ग्वालियर एवं जीवाजी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में इसका आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला शामिल हुई। ज्योतिष विद्वानों के विचार सुनने के बाद कुलपति संगीता शुक्ला ने कहा कि मेडिकल साइंस और ज्योतिष शास्त्र विषय पर एक पेपर विश्व विद्यालय में शुरू किया जा सकता है। ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके और लाभ दिलाया जा सके। कार्यक्रम में आयोजकों ने चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी आमंत्रण भेजा था लेकिन वह शुभारंभ के मौके पर एक भी चिकित्सक शामिल नहीं हुए लेकिन आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि रविवार को चिकित्सा जगत से जुड़े कई लोग लोग शामिल होंगे और लोगों के कल्याण की दिशा में भविष्य में कदम उठाएंगे। सम्मेलन में फलित ज्योतिष, अंक ज्योतिष, रमल ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र, टेरो कार्ड रीडर, वास्तु शास्त्र के विद्वान सम्मिलित होंगे। ज्योतिष की प्रत्येक विधा के लिये सम्मेलन में अवार्ड भी दिए जायेंगे। सम्मेलन के दोनों ही दिन दोपहर 01:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक आम जनता को अखिल भारतीयस्तर के ज्योतिर्विद् निःशुल्क परामर्श एवं समाधानकारक मार्गदर्शन देंगे। कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्वत् सम्मान एवं समापन समारोह दिनांक 13 जनवरी 2017, रविवार को दोपहर 03.00 बजे से प्रारम्भ होगा जिसमें सभी विद्वानों को यथोचित सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

Updated : 12 Jan 2019 12:00 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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