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मनमर्जी का खेल : सरकार ने किया पूरा वेतन जारी, बीईओ ने काटकर पहुंचाया खातों में

जुलाई का वेतन 23 अगस्त को आया, वेतन की राशि में 1000 से लेकर 13000 रुपये कम पहुंची बैंक खातों में

मनमर्जी का खेल : सरकार ने किया पूरा वेतन जारी, बीईओ ने काटकर पहुंचाया खातों में
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ग्वालियर/स्वदेश वेब। प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए उनके वेतन में भले ही बढ़ोत्तरी करे लेकिन विभागों में बैठे आला अधिकारी अपनी मर्जी से ही वेतन जारी करते हैं। यानि उनकी मर्जी होगी तभी वेतन पूरा मिलेगा वरना नहीं। मामला ग्वालियर जिले के शिक्षा विभाग का है। जिसमें पदस्थ बीईओ घाटीगांव सहायक अध्यापकों के वेतन पर अपनी मनमर्जी थोप रहे हैं।

जानकारी के अनुसार मोहना संकुल के स्कूलों में पदस्थ सहायक अध्यापकों का जुलाई महीने का वेतन कल 23 अगस्त को उनके बैंक खातों में पहुंचा। लेकिन जैसे ही वेतन का मैसेज उनके मोबाइल पर पहुंचा तो वे उसे देखकर चौंक गए। वजह ये थी कि अधिकांश सहायक अध्यापकों के वेतन में 1000 रुपये से लेकर 13000 रुपये तक का अंतर था यानि उनके खातों में पहुंची राशि में भारी अनियमितता थी। और उनको वेतन काटकर दिया गया। ऐसा किसी एक या दो सहायक अध्यापकों के साथ नहीं हुआ बल्कि मोहना संकुल के 25 - 30 सहायक अध्यापकों के साथ हुआ। इतना ही नहीं गड़बड़ी यहीं नहीं रुकी, कई सहायक अध्यापक ऐसे हैं जिनके खातों में उनके निर्धारित वेतन से ज्यादा राशि पहुंची है।

उल्लेखनीय है कि बीईओ घाटीगांव मुन्नालाल खुरवा डीडीओ भी हैं यानि प्राचार्यों से लेकर सभी के वेतन के आहरण के अधिकार उनके पास हैं और वे ही वेतन जारी करते है। वेतन जारी करने में हुई अनियमितता के अलावा भी इनके कार्यालय द्वारा पिछले महीने सहायक अध्यापकों को जारी की गई डीए की 3 प्रतिशत की राशि में भी कटौती की गई। जिसकी शिकायत सहायक अध्यापकों ने बीईओ मुन्नालाल से की लेकिन उसका निराकरण अभी तक नहीं हुआ। सहायक अध्यापकों ने तो यहाँ तक आरोप लगाए हैं कि जब तक कार्यालय में सुविधा शुल्क यानि रिश्वत नहीं दी जाए तब तक एरियर की राशि का भुगतान ही नहीं होता। वेतन की राशि में कटौती से आक्रोशित सहायक अध्यापक इस मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी (प्रभारी ) ममता चतुर्वेदी और कलेक्टर अशोक वर्मा से भी करने का मन बना रहे हैं। उधर इस मामले में स्वदेश ने जब बीईओ घाटीगांव मुन्नालाल खुरवा से उनका पक्ष जानना चाहा तो पांच बार के प्रयास के बाद उन्होंने मोबाइल उठाया। वेतन की राशि के भुगतान में गड़बड़ी की जानकारी होने की बात को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि वो मीटिंग में थे, उनके एकाउंटेंट ने वेतन जारी किया है। वो इसको दिखवाकर जल्दी सुधर करवाते हैं। हालाँकि वे इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि बिना उनको दिखाए एकाउंटेंट ने सहायक अध्यापकों के खातों में राशि कैसे भेज दी ? वहीं डीए की राशि में हुई गड़बड़ी की बात पर उनका कहना था कि कुछ सहायक अध्यापकों को दी गई राशि के भुगतान में शिकायत मिली है जिसे जल्दी ठीक करा दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है शिक्षा विभाग का गड़बड़ियों और घोटालों से पुराना नाता रहा है। 31 जुलाई को सेवानिवृत हुए डीईओ यानि जिला शिक्षा अधिकारी डॉ आर एन नीखरा भी वेतन भुगतान, डीए की राशि भुगतान सहित अनुकम्पा नियुक्ति में नियमितता के मामले में फंस चुके हैं और संभाग आयुक्त बीएम शर्मा ने उन्हें सेवानिवृति से कुछ दिन पहले ही आरोप पत्र थमाया था इतना ही नहीं उनके भाई एसएन नीखरा ने गोरखी हायर सेकेंडरी के प्राचार्य रहने के दौरान अपने भाई डीईओ आरएन नीखरा के इशारे पर अनुदानित शिक्षकों के छठवे वेतनमान की राशि के भुगतान के लिए रिश्वत मांगी थी। जिसका खुलासा स्वदेश ने ही किया था। इस पूरे मामले में एसएन नीखरा के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज हुई है और जांच जारी है।

बहरहाल अब देखना ये होगा कि सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन के दावों को कलंकित करते ऐसे आला अधिकारियों पर सरकार कब तक नकेल कस पाती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।

Updated : 24 Aug 2018 11:34 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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