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अधिकारी ऐसे लूटमार कर रहे हैं जैसे औरंगजेब ने मंदिरों को लूटा था

पार्षद ने कहा, इतना मत लूटो कि हमारे कपड़े भी उतर जाएं

अधिकारी ऐसे लूटमार कर रहे हैं जैसे औरंगजेब ने मंदिरों को लूटा था
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ग्वालियर/वेब डेस्क। ग्वालियर में जो भी अधिकारी आता है, वह लूट मचा देता है। इन दिनों सभी ने लूट मचा रखी है। अधिकारी ऐसे लूट मार कर रहे हैं जैसे औरंगजेब ने मंदिरों को लूटा था। अमृत योजना में 800 करोड़ आए, लूट लो। स्मार्ट सिटी में 2200 करोड़ आए, लूट लो। ठीक है, आप लोग लूटो, लेकिन ऐसा तो मत करो कि हमारे कपड़े ही उतर जाएं। यह बात गुरुवार को नगर निगम परिषद की बैठक में पार्षद बृजेश गुप्ता ने सभापति से कही। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के सीईओ तो स्मार्ट हैं। इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन हमारा ग्वालियर स्मार्ट होगा या नहीं? यह किसी को पता नहीं।

गुरुवार को अपरान्ह तीन बजे से आयोजित नगर निगम परिषद की बैठक में सभी पार्षदों ने एक स्वर में स्मार्ट सिटी के सीईओ महीप तेजस्वी को निशाने पर लिया। पार्षदों का कहना था कि शहर में स्मार्ट सिटी के तहत जो कार्य हो रहे हैं, उनकी जानकारी पार्षदों को क्यों नहीं दी जा रही है? इससे पूर्व विशेष सम्मेलन में निगमायुक्त संदीप माकिन ने आवास योजना की राशि नगर निगम के खाते में स्थानांतरित करने की अनुमति मांगी। इस पर पार्षदों ने अपने-अपने विकास कार्यों के लिए दूसरे मदों से रकम न लेने पर विरोध कर दिया। इसके बाद सभापति ने मुद्दे को वापस कर दिया।

बैठक में पार्षद धर्मेन्द्र राणा ने सभापति राकेश माहौर से कहा कि नगर निगम व स्मार्ट सिटी के तहत दो साल से बहुत से विकास कार्य जारी हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं? इसकी जानकारी पार्षदों को क्यों नहीं दी जा रही है? परिषद की बैठक में स्मार्ट सिटी के सीईओ को क्यों नहीं बुलाया जाता है? इस पर सभापति ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके उपरांत अन्य बिन्दुओं पर चर्चा जारी रहते बैठक पांच नवम्बर अपरान्ह तीन बजे तक के लिए स्थिगित कर दी गई।

टाउन हॉल का बिल नगर निगम क्यों भरता है?

बैठक में नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्यों को लेकर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने सभापति से कहा कि महाराज बाड़ा स्थित टाउन के लिए नगर निगम ने 70 लाख रुपए खर्च किए। इसके बाद इस हॉल को स्मार्ट सिटी के सुपुर्द कर दिया, लेकिन हर माह डेढ़ लाख रुपए का जो बिजली का बिल हा रहा है, वह नगर निगम क्यों भर रहा है? उसे भी स्मार्ट सिटी को भरना चाहिए। बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन देने के लिए तीन करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। Þ

ठेकेदार वसूली कर रहे हैं, पार्षद बदनाम हो रहे हैं

बैठक में पार्षद धर्मेन्द्र राणा ने कहा कि शहर में लगने वाले ठेले व गुमटियों से ठेकेदार वसूली कर रहे हैं और बदनाम पार्षद हो रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों को यह पता ही नहीं है कि ठेले वालों से पर्ची कौन काट रहा है? वहीं पार्षद जगत सिंह कौरव ने कहा कि बहोड़ापुर में बनी दुकानों से भूमाफिया द्वारा हर माह वसूली की जा रही है।

गुरवानी बोले, क्या स्मार्ट सिटी को सिर्फ मेरी गाड़ी दिखती है

बैठक में पार्षद खेमचन्द गुरवानी ने कहा कि आए दिन स्मार्ट सिटी के कर्मचारी उनकी गाड़ी को उठाकर ले जाते हैं। क्या स्मार्ट सिटी को सिर्फ मेरी ही गाड़ी नजर आती है? उन्होंने सभापति राकेश माहौर से कहा कि स्मार्ट सिटी को शहर की सफाई की जिम्मेदारी दी जाए। इसी बीच पार्षद धर्मेन्द्र राणा ने नगर निगम द्वारा बिना टेण्डर मुरार नदी में 50 फीट चौड़ी सड़क निर्माण को लेकर कहा कि नगर निगम के अधिकारी कहीं भी कुछ करते हैं। उन्होंने कहा कि मुरार नदी का मामला एनजीटी के पास पहुंच गया था और उसमें नगर निगम ने नदी की चौड़ाई 80 मीटर बताई थी, लेकिन वर्तामान में नदी को 50 फीट में समेट दिया गया है। नगर निगम के अधिकारी बिना सोचे समझे कार्य कर रहे हैं।

Updated : 18 Oct 2019 10:20 AM GMT
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