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कृषि विवि का दीक्षांत समारोह 22 को, 521 छात्रों को मिलेंगे स्वर्ण पदक व उपाधियां

राज्यपाल टंडन करेंगे अध्यक्षता, कृषि मंत्री होंगे मुख्य अतिथि

कृषि विवि का दीक्षांत समारोह 22 को, 521 छात्रों को मिलेंगे स्वर्ण पदक व उपाधियां
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ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय का छटवां दीक्षांत समारोह 22 अक्टूबर को कृषि महाविद्यालय के सभागार में अपरान्ह 3:30 बजे से आयोजित होगा। समारोह में अध्यक्ष के रूप में राज्यपाल एवं कुलाधिपति लालजी टंडन और मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सचिन यादव मौजूद रहेंगे। समारोह में 521 छात्रों को स्वर्ण पदक एवं उपाधियां प्रदान की जाएंगी।

शुक्रवार को यह जानकारी कृषि विवि के कुलपति प्रो. एस.के. राव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी। उन्होंने बताया कि समारोह में दीक्षांत भाषण पूर्व सचिव डेयर तथा पूर्व महानिदेशक कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली डॉ. मंगला राय देंगे। वहीं विधायक मुन्नालाल गोयल, अरविंद भदौरिया एवं रणवीर जाटव भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में पांच छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। इनमें स्नातक के दो, स्नातकोत्तर का एक और पीएचडी के दो विद्यार्थी शामिल हैं। प्रो. राव ने बताया कि दीक्षांत समारोह में स्नातक के 345, स्नातकोत्तर के 159 एवं पीएचडी के 15 सहित कुल 521 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की जाएगी।

यह दीक्षांत समारोह सत्र 2017-18 का आयोजित होने जा रहा है। इस समारोह में विद्यार्थी व शोधार्थियों के अलावा उनके अभिभावक भी शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह में किसी महान विभूति को डीलिट् की मानद उपाधि न देने के सवाल के जवाब में प्रो. राव ने कहा कि हां यह सही है कि ऐसे समारोह में किसी व्यक्ति को मानद उपाधि दी जाना चाहिए। इसको लेकर हमने प्रयास भी किया था, लेकिन ऐसा कोई नाम सामने नहीं आया। भविष्य में इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और समय से पहले कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति को मानद उपाधि प्रदान की जाएगी।

स्थापना से लेकर अब तक विवि ने रचे नए-नए कीर्तिमान

वर्ष 2008 से शुरू हुए कृषि विश्वविद्यालय की जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. राव ने बताया कि कृषि विवि की 2018 की रैंकिंग में विवि को 19वां स्थान मिला है। कृषि महाविद्यालय सीहोर एवं खंडवा में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट ऑफ टरमेरिक एण्ड पल्सेस एवं इस्टाबिलिशमेंट ऑफ आर्गेनिक फार्मिंग यूनिट स्वीकृत हुई है। विवि में ग्रीन स्नातक प्रमाण-पत्र योजना शुरू की गई है, जिसमें प्रथम वर्ष में ही आने वाले छात्र-छात्राओं से एक-एक पौधा रोपित कराया जाएगा, जिसकी देखभाल भी तीन वर्षों तक छात्र को ही करना होगी। इसके बाद अच्छा पौधा होने पर उस छात्र-छात्रा को एक सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। विवि का भामा परमाणु अनुसंधान से भी अनुबंध है, जहां गेहूं व चना की किस्में तैयार कर किसानों को बीज प्रदान कराया जाता है। विवि ने स्विटजरलैंड से भी जैविक खेती को लेकर अनुबंध किया है, जहां शिक्षकों के साथ छात्र भी पढ़ाई और अनुसंधान के लिए भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि विवि ने चने की दो किस्में आरव्हीकेजी 121 और आरव्हीकेजी 201 विमोचित की। विवि परिसर में पीपल के पौधों का भी रोपण किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया को सर्वश्रेष्ठ निक्रा कृषि विज्ञान केन्द्र का पुरस्कार 2019 प्रदान किया गया है। वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र धार के डॉ. एस.के. किरार को 2018 का फखरूद्दीन अली अहमद पुरस्कार भी मिला है। विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों से संबंधित चार कृषकों राजपाल नरवरिया अशोकनगर, ललिता मुकाती बडवानी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय कृषि क्षेत्रीय पुरस्कार 2017 एवं 2018 सीताराम निगवाल धार और नवोन्वेषी कृषक पुरस्कार अश्विनी सिंह चौहान उज्जैन को प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि विवि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कार्यक्रम चला रहा है। वहीं भारतीय कपास की विदेशों में भी मांग है। पत्रकार वार्ता में कुलसचिव डी.एल. कोरी, प्रो. ए.के. सिंह, एम.पी. जैन, डॉ. एस.एन. उपाध्याय, डॉ. एन.एस. भदौरिया, श्रीमती मृदुला बिल्लौरे एस.पी.एस. तोमर आदि उपस्थित रहे।

Updated : 19 Oct 2019 9:39 AM GMT
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