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ग्वालियर के जांबाज कर्नल अजय सिंह को मिलेगा राष्ट्रपति का शौर्य पदक

श्रीनगर-जम्मू में कर चुके हैं दस खूंखार आतंकवादियों का खात्मा

ग्वालियर के जांबाज कर्नल अजय सिंह को मिलेगा राष्ट्रपति का शौर्य पदक
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ग्वालियर, राजीव अग्रवाल। ग्वालियर के सपूत कर्नल अजय सिंह को 26 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति शौर्य पदक से सम्मानित करेंगे। उनके द्वारा वर्ष 2018 में जांबाज तरीके से श्रीनगर में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में दस खूंखार आतंकवादियों को ढेर किया गया था।वे इन दिनों दीपावली की छुट्टी मनाने ग्वालियर आए हुए हैं। उनसे स्वदेश ने विशेष बातचीत की।

कर्नल अजय सिंह कुशवाह ने बताया कि उनके द्वारा 22 जून 2018 को श्रीनगर में इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर(आईएसजेके )के चार आतंकवादियों को ढेर किया गया था। इनमें 12 लाख के इनामी खूंखार सरगना दाउद भी शामिल था।इसके बाद 22 नवंबर 2018 को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के छह आतंकवादियों को मार गिराया था। उनकी इस उपलब्धि पर राष्ट्रपति द्वारा उन्हें सेना पदक से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी और अब उन्हें शौर्य पदक भी मिलने जा रहा है। यह दोनों वीरता पदक उन्हें 26 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति के हाथों मिलेंगे। इसके पहले 13 जनवरी 2018 को सेना अध्यक्ष विपिन रावत ने उनके वर्ष 2017-18 के साहसिक प्रदर्शन को देखते हुए प्रशंसा पत्र जारी किया और इसका उल्लेख सेवा अभिलेख में किए जाने की बात कही थी। कर्नल अजय सिंह कुशवाह मूलतः ग्वालियर के भगत सिंह नगर के रहने वाले हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट पॉल स्कूल मुरार में हुई।इसके बाद उन्होंने वर्ष 2001 में महारानी लक्ष्मीबाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय से बी कॉम किया। श्री सिंह कहते हैं कि बचपन से ही उनके मन में आतंकवादियों से लोहा लेकर उन्हें सबक सिखाने का जुनून था। यही वजह रही कि वर्ष 2002 में उन्होंने सेना में परीक्षा पास कर लेफ्टिनेंट ऑफिसर की उपाधि पाई।इसके बाद उनकी पहली पदस्थापना श्रीनगर में हुई, फिर कुछ समय आसाम में रहे।वर्तमान में वह कर्नल के रूप में श्रीनगर में तैनात हैं। वह अपनी इन उपलब्धियों के लिए अपने पिता स्व डॉ वीर सिंह कुशवाहा को श्रेय देते हैं। जो कि आलू अनुसंधान केंद्र ग्वालियर में वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर चुके। उनके 300 लेख एवं रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं।उन्हें अमेरिका द्वारा मैन ऑफ द ईयर 2014 फ्राम अमेरिकन बायोग्राफीकल इंस्टिट्यूट से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार में पत्नी श्रीमती मीनाक्षी सिंह और दो बेटे माधविजय एवं विश्वजय हैं। श्री सिंह कहते हैं कि राष्ट्रपति जब उन्हें वीरता पदक लगाएंगे तो उनका हौसला और बढ़ेगा, और वह अपनी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को पूरे जोश के साथ लड़ते रहेंगे।

संतोषजनक नहीं है सम्मान राशि

शौर्य पदक के लिए दिल्ली पंजाब एवं हरियाणा सहित अन्य राज्यों द्वारा 50 लाख रुपए की राशि दी जाती है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार मात्र 8 लाख रुपए देती है। इसी तरह सेना पदक के लिए और राज्य 20 से 25 लाख रुपए देते हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 50 हजार रुपए मिलते हैं। राशि में इतना अंतर होने के कारण उनके परिजनों में निराशा है।

Updated : 25 Oct 2019 6:49 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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