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कृषि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह : शिक्षा नौकरी के लिए नहीं आजीविका के काम आये - तोमर

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री माया सिंह ने छात्र छात्राओं को दिए गोल्ड मैडल, बांटी उपाधियाँ, राजमाता सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया

कृषि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह : शिक्षा नौकरी के लिए नहीं आजीविका के काम आये - तोमर
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ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय का पांचवा दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों ने 5 टॉपर्स छात्र छात्राओं को गोल्ड मैडल पहनाए और 594 छात्र छात्राओं को स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्रदान की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डॉ नरेंद्र सिंह राठौड़ थे जबकि अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की। जबकि विशेष अतिथि के रूप में प्रदेश की नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह उपस्थित थी।

भारतीय परिधान में पहली बार आयोजित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन कृषि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में सबसे पहले उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र - छात्राओं को मंच से ही कुलपति प्रो. एस. के. राव ने शपथ दिलाई। उपाधि वितरण समारोह में सबसे पहले गोल्ड मैडल दिए गए । अतिथियों ने अपने संकाय में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल दिए। गोल्ड मैडल प्राप्त करने वालों में सौरभ गुप्ता, गुडे वेनेला, गजेंद्र सिंह चौहान, दिव्या दीक्षित और चित्रांशी ताकड़ शामिल हैं। इसके अलावा स्नातक और स्नातकोत्तर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 594 छात्र छात्राओं को अतिथियों ने उपाधियाँ प्रदान की। जिन्हें गोल्ड मैडल और उपाधि मिलीं उनकी खुशी उनके चेहरों से साफ झलक रही थी ।

दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ नरेंद्र सिंह राठौड़ ने छात्र छात्राओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अब आपके ऊपर एक जिम्मेदारी आ गई है जिसका निर्वहन आपको गंभीरता के साथ करना है। उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ 0.36 प्रतिशत ही कृषि स्नातक उपलब्ध हैं और अब आप इसका हिस्सा हो गए हो ये प्रसन्नता की बात है। उन्होंने मात्र 10 साल के छोटे से कार्यकाल में देश में 10 वीं रेंक हासिल करने पर विश्व विद्यालय को बधाई दी। डॉ राठौड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार कृषि को प्रोफेशनल डिग्री में शामिल किया और इसी का परिणाम है कि आज बहुत से छात्र विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज 4 T - ट्रेडिशनल, टेक्नोलॉजी, टेलेंट और ट्रेडिंग की जरुरत है। उन्होंने छात्र - छात्राओं को A फॉर एबिलिटी, B फॉर बॉन्डिंग, C फॉर कमिटमेंट और D फॉर डेडिकेशन का पाठ भी पढ़ाया। डॉ राठौड़ ने केंद्रीय मंत्री तोमर और मंत्री माया सिंह से अनुरोध किया कि मध्यप्रदेश में अब कृषि इंजीनियरिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा हूँ। उन्होंने गोल्ड मैडल और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आपने कठिन परीक्षण कर लक्ष्य निर्धारित कर स्वयं को और अपने गुरु को अलंकृत किया है। उन्होंने राजमाता सिंधिया को याद करते हुए कहा कि जिनके नाम पर ये विश्वविद्यालय है वे नाम से नहीं कृतित्व के कारण लोगों को दिलों में बसी हैं। उन्होंने हमेशा ही लोगों की भलाई के लिए काम किया। विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़ा संस्मरण सुनाते हुए श्री तोमर ने कहा कि मैं जब पहली बार विधायक बना तो मैं वरिष्ठ नेता शीतला सहाय जी के पास गया और पूछा कि मुझे विधानसभा में क्या करना है। उन्होंने मुझे कुछ शासकीय और कुछ अशासकीय संकल्प ड्राफ्ट तैयार करवाए। जिसमें ग्वालियर में कृषि और संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की बात थी।

मैंने लगातार तीन साल तक अशासकीय संकल्प लगाकर दोनों विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए प्रयास किये लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण ये संभव नहीं हो सका लेकिन जब हमारी पार्टी की सरकार आई तो 19 अगस्त 2008 का दिन ग्वालियर के लिए खुशियां लेकर आया और एक नहीं दोनों विश्वविद्यालय ग्वालियर को मिल गए। विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और छात्र छात्राओं की तारीफ करते हुए श्री तोमर ने कहा कि इन्हीं के अनुसंधान का परिणाम है कि आज मध्यप्रदेश में चने और सोयाबीन के उत्पादन में गौरव हासिल किया है। केंद्रीय मंत्री ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपकी शिक्षा नौकरी के लिए नहीं आजीविका के काम आये ये मेरी कामना है। उन्होंने नौकरी को समस्याओं की जड़ बताते हुए कहा कि आज हमें इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा और स्वरोजगार की तरफ बढ़ना होगा।

कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय को मिली 10वीं रैंक के सर्टिफिकेट का अतिथियों ने विमोचन किया। दीक्षांत समारोह के अंत में विश्वविद्यालय की तरफ से अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गए।

राजमाता सिंधिया की प्रतिमा स्थापित


दीक्षांत समारोह से पहले मेला ग्राउंड के पास स्थित कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रतिमा का अनावरण केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश की नगरीय विकास और आवास मंत्री माया सिंह ने किया। प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्द मूर्तिकार प्रभात राय ने किया है। प्रतिमा का वजन 6 क्विंटल है और ऊंचाई 10 फीट है और इसको बनाने में 10.60 लाख रुपये का खर्च आया है।

Updated : 29 Aug 2018 6:19 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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