Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > अब ग्वालियर में जमीन तलाशते सिंधिया !

अब ग्वालियर में जमीन तलाशते सिंधिया !

पुल के लोकार्पण को लेकर किरकिरी

अब ग्वालियर में जमीन तलाशते सिंधिया !
X

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। लगभग 21 वर्ष पूर्व ग्वालियर में सिंधिया राजपरिवार का कांग्रेस की राजनीति में गहरा दबदबा था, क्योंकि वर्ष 1984 के बाद से वर्ष 1998 तक लगातार पांच बार पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व माधवराव सिंधिया यहां से लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे थे।किंतु वर्ष 1999 में वे गुना- शिवपुरी से चुनाव लड़ने चले गए। इसके बाद ग्वालियर से कांग्रेस की ओर से सिंधिया परिवार से कोई चुनाव में नहीं उतरा।क्योंकि उनके निधन के बाद उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया भी गुना-शिवपुरी से ही चुनाव लड़ते रहे।ऐसे में अब गुना-शिवपुरी से पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया के पराजय होने के बाद उनकी ग्वालियर में लगातार सक्रियता बढ़ रही है। वह विकास कार्यों सहित कांग्रेस की गतिविधियों एवं अन्य कार्यों में रुचि ले रहे हैं, जिससे लग रहा है कि वह ग्वालियर से अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी में हैं।

उल्लेखनीय है कि सिंधिया राजपरिवार का भाजपा और कांग्रेस की राजनीति में अच्छा खासा दखल रहा है। किंतु जहां तक हार की बात है तो श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पराजय से यह परिवार पूरी तरह सदमे में है। 23 मई को परिणाम आने के बाद डेढ़-दो महीने तक श्री सिंधिया इस गम को नहीं भुला पाए और लोगों से दूरियां बनाए रहे।किंतु अब वे धीरे-धीरे इस हार से उबरकर कांग्रेस एवं आमजन के बीच आने लगे हैं। पिछले दिनों भोपाल प्रवास के दौरान हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ भी उनकी भोजन पर चर्चा हुई। इसके बाद 17 एवं 18 जुलाई को वह ग्वालियर में दो दिवसीय प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने जहां कांग्रेस के पदाधिकारियों से दो घंटे से अधिक समय तक चर्चा की। वहीं अगले दिन 18 जुलाई को जयविलास पैलेस में कई प्रतिनिधि मंडलों, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता एवं आमजन से भेंट की। ऐसा लंबे समय बाद देखने मिला जब श्री सिंधिया आम आदमी की तरह सबसे मिलते दिखे। इस दौरान आमजन के लिए चाय पानी की व्यवस्था थी और उन्हें कुर्सियों पर बैठाया गया था। सिंधिया बारी-बारी से एक एक कुर्सी पर जाकर कार्यकर्ता एवं आमजन से मिल रहे थे और उनकी समस्याएं भी सुन रहे थे। इतना ही नहीं कुछ मामलों में तो उन्होंने थोड़ी ही देर बाद जिलाधीश को फोन लगाकर समस्या से अवगत कराया।श्री सिंधिया की ग्वालियर में इस सक्रियता के कई मायने निकाले जा रहे हैं।क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह मांग उठी थी कि ग्वालियर से श्री सिंधिया अथवा उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे को चुनाव मैदान में उतारा जाए। इसके लिए लंबे समय तक मंत्रणा और सोच विचार किया गया, किंतु अंत में श्री सिंधिया ने गुना-शिवपुरी से ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया जो गलत साबित हुआ। उन्हें भाजपा के डॉ केपी सिंह के हाथों में पराजित होना पड़ा। इस तरह गुना-शिवपुरी में उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। चूंकि गुना- शिवपुरी में चुनाव के दौरान अधिकांश कार्यकर्ता ग्वालियर चंबल संभाग से वहां प्रचार के लिए जाते हैं, इसलिए इस बार यही के कार्यकर्ताओं के बूते यहां से चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा बन सकती है।

पुल के लोकार्पण को लेकर किरकिरी

यद्यपि पड़ाव के नए आरोबी को लेकर लगातार दो बार उन्हें किरकिरी का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव के बाद वह 1000 बिस्तर के अस्पताल के भूमि पूजन एवं नए आरओबी के एक हिस्से के लोकार्पण के लिए आए थे। किंतु वह आरओबी का लोकार्पण नहीं कर पाए। भाजपा के विरोध एवं विवादों के बीच अस्पताल के लिए तीसरी बार भूमि पूजन जरूर किया था। इस बार आरोबी पूर्ण हो जाने पर उनका इरादा उसके लोकार्पण का था। उनका आधिकारिक कार्यक्रम भी आ गया,किंतु वैधानिक अड़चनें आ जाने के कारण उन्हें यह कार्यक्रम टालना पड़ा। वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बैठक लेकर भी वे विवादों में घिरे हुए हैं।उनके द्वारा स्थानीय अधिकारियों को लगातार विकास कार्यों के लिए समझाइस और हिदायतें दी जा रही हैं,जिससे स्पष्ट है कि उनकी रुचि ग्वालियर के प्रति जाग रही है। इसीलिए इसे यह माना जा रहा है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर ग्वालियर में अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं।

माधवराव सिंधिया के बाद यह जीते

सर्व माधवराव सिंधिया के गुना-शिवपुरी चले जाने के बाद वर्ष 1999 में भाजपा के जयभान सिंह पवैया, वर्ष 2004 में कांग्रेस के रामसेवक बाबूजी, वर्ष 2007 एवं 2009 में भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया, वर्ष 2014 में भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर और वर्ष 2019 के मौजूदा लोकसभा चुनाव में भाजपा के विवेक नारायण शेजवलकर विजयी हुए हैं।

Updated : 20 July 2019 12:40 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top