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विशाल मेगामार्ट की बिल्डिंग नेहरू - गांधी परिवार की लूट की स्मारक

विशाल मेगामार्ट की बिल्डिंग नेहरू - गांधी परिवार की लूट की स्मारक
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Credit : Prasad Kothari (Google Photos)

भोपाल/स्वदेश वेब डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बताएं कि एक अखबार के प्रकाशन के लिए एसोसिएट जर्नल्स को दी गई जमीन पर कब्जा क्यों किया? एक अखबार के लिए दी गई जमीन का व्यवसायिक उपयोग कैसे हो रहा है और उस पर एक शॉपिंग मॉल कैसे बन गया? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से यह सवाल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में किए।


एमपीनगर स्थित विशाल मेगामार्ट के सामने आयोजित पत्रकार वार्ता में पात्रा ने कहा कि विशाल मेगामार्ट की ये जो बिल्डिंग दिखाई दे रही है, यह सिर्फ शॉपिंग मॉल नहीं है, बल्कि नेहरू-गांधी परिवार के भ्रष्टाचार की स्मारक है। उन्होंने मीडिया के सामने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश एवं अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं।

नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन के लिए दी गई थी जमीन

पत्रकार वार्ता के दौरान पात्रा ने कहा कि जिस जमीन पर विशाल मेगामार्ट स्थित है, वह जमीन 1981 में एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को उनके समाचार पत्र 'नेशनल हेराल्ड' के प्रकाशन के लिए दी गई थी, लेकिन यहां से नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन कभी नहीं हुआ। बाद में जब सोनिया और राहुल गांधी, मोतीलाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडिज की कंपनी यंग इंडिया ने एसोसिएट जर्नल्स का षडयंत्रपूर्वक अधिग्रहण किया, तो लखनऊ, इंदौर, मुंबई, पंचकूला और दिल्ली और भोपाल में स्थित एसोसिएट जर्नल्स की 5 हजार करोड़ की संपत्ति भी यंग इंडिया के कब्जे में आ गई। आगे चलकर सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडिया ने इस जमीन को बेच दिया, जो एक अखबार के प्रकाशन के लिए महज 40 हजार रुपये की लीज पर दी गई दी।

सिर्फ 50 लाख में हथिया ली 5 हजार करोड़ की कंपनी

पात्रा ने एसोसिएट जर्नल्स के इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि इसकी स्थापना पं. जवाहरलाल नेहरू के समय पर 'नेशनल हेराल्ड' और 'नवजीवन' के प्रकाशन के लिए की गई थी। खराब माली हालत के कारण यह कंपनी 2008 में बंद हो गई। वर्ष 2010 में सिर्फ 5 लाख रुपये से सोनिया-राहुल ने अपने सहयोगियों के साथ 'यंग इंडिया' की शुरुआत की थी। एसोसिएट जर्नल्स ने कांग्रेस से 90 करोड़ रुपये का लोन लिया था। श्री पात्रा ने बताया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा एसोसिएट जर्नल्स और यंग इंडिया दोनों में हिस्सेदार थे। इसके चलते यंग इंडिया ने एजेएल को प्रस्ताव दिया कि यदि वह अपने शेयर यंग इंडिया को दे दे, तो उस पर कांग्रेस का जो लोन बकाया है, वह यंग इंडिया चुका देगी। इस तरह सिर्फ 50 लाख रुपये देकर सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडिया ने 5 हजार करोड़ की कंपनी एजेएल और उसकी संपत्ति पर षडयंत्रपूर्वक कब्जा कर लिया।

हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए सोनिया-राहुल

पात्रा ने बताया कि इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 2015 में दिए गए अपने आदेश में इस हेराफेरी के मामले में सोनिया गांधी को आरोपी क्रं.1 एवं राहुल गांधी को आरोपी क्रं.2 करार दिया था। इसके बाद से सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ही जमानत पर हैं। वर्तमान में जिस जमीन पर विशाल मेगामार्ट स्थित है, उसे लेकर भी भोपाल विकास प्राधिकरण कार्रवाई कर रहा है साथ ही कुछ अन्य व्यक्तियों ने भी हाईकोर्ट में याचिकाएं लगा रखी हैं। श्री पात्रा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी ने अपने भ्रष्टाचार से मध्यप्रदेश के लोगों को भी लूटा है।

पात्रा ने देखा-कहां से प्रकाशित हो रहा है 'नेशनल हेराल्ड'

पात्रा ने आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार द्वारा की गई एसोसिएट जर्नल्स की संपत्ति की यह हेराफेरी देश और मध्यप्रदेश की जनता के साथ लूट है। पत्रकार वार्ता के उपरांत श्री पात्रा मीडियाकर्मियों के साथ यह देखने के लिए विशाल मेगामार्ट की बिल्डिंग के अंदर भी गए कि 'नेशनल हेराल्ड' को दी गई इस जमीन से अखबार का प्रकाशन कहां हो रहा है।

Updated : 29 Oct 2018 4:01 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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