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मध्यप्रदेश विधानसभा में किसानों के मुद्दों पर हंगामा

-मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर है : कमलनाथ

मध्यप्रदेश विधानसभा में किसानों के मुद्दों पर हंगामा
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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को किसानों को बोनस देने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। सदन की शुरुआत ही हंगामे से हुई और किसानों को अतिवृष्टि के मुआवजे और फसलों की खरीदी पर बोनस देने को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीत तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर है। इसी बात को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने कहा कि आप सरकार नहीं केवल मुंह ही चला रहे हैं।

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर सरकार के विरोध में भाजपा विधायक एप्रेन पहनकर मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे। शिवराज सिंह ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता एवं विभिन्न योजनाओं का लाभ न दिए जाने के विरोध में साथी विधायकों के साथ कमलनाथ सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया और युवाओं को उनका हक देने की मांग की।

इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। राज्य में अतिवृष्टि और इससे फसलों को हुए नुकसान के मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सदन में आक्रामक रुख अपनाया। विधायक देवेंद्र वर्मा ने यह मामला उठाते हुए पूरक प्रश्न पूछे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपने जवाब में कहा कि सरकार ने फसलों को पहुंची क्षति का आंकलन कराया है और मुआवजा भी वितरित किया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा इस सरकार में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। किसानों के बोनस को लेकर भी भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। इस पर मुख्यमंत्री को कमलनाथ ने कहा कि अगर किसानों के साथ अन्याय हो रहा है तो हमारा ध्यान आकृष्ट कराइये। विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव और वरिष्ठ भाजपा विधायक डॉ, नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि फसलों को पहुंची क्षति का आकलन नहीं किया गया है। इसलिए यह फिर से कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रभावित किसानों को अभी तक मुआवजा भी नहीं दिया गया है। डॉ मिश्रा ने कहा कि मुआवजे के लिए बजट में धनराशि का भी प्रावधान नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने तीखी प्रक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र से राशि नहीं मिली। भाजपा के मध्यप्रदेश से 28 सांसदों में से किसी भी एक सांसद ने केंद्र के सामने यह बात नहीं रखी। उन्होंने कहा कि ''मुंह चलाने में और सरकार चलाने मे अंतर है। हम सरकार चला रहे हैं और आप लोग केवल मुंह चला रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस बयान पर भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि, "सही कह रहे कमलनाथ, ये सरकार इसका उदारहण है।" इस बात पर मंत्री राजपूत के अलावा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी और अन्य ने एक साथ बोलना शुरू कर दिया। वहीं भाजपा के अनेक सदस्य पहले से ही एक साथ बोल रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी से शांत रहने का अनुरोध किया। इसका कोई असर नहीं होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।

Updated : 20 Dec 2019 11:13 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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