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'सौभाग्य' बदलेगी गरीबों का भाग्य

ऊर्जा मंत्री पारस जैन से स्वदेश की विशेष बातचीत

सौभाग्य बदलेगी गरीबों का भाग्य
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भोपाल। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन का कहना है कि प्रदेश के 42 लाख घरों में हर वर्ष बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने तय किया है। इसके लिए सौभाग्य जैसी महत्वाकांक्षी योजना को मूर्तरूप दिया गया है। इस योजना के जरिए केंद्र एवं राज्य सरकार का लक्ष्य हर घर में बिजली पहुंचाने का है। पहले प्रदेश में 5 हजार मेगावॉट बिजली पैदा होती थी, लेकिन वर्तमान में 17 हजार मेगावॉट से ज्यादा बिजली पैदा हो रही है। किसानों को भी 10 घंटे बिजली दी जा रही है। अब सरकार की सौभाग्य योजना गरीबों का भाग्य बनेगी। ऊर्जा मंत्री पारस जैन से कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पेश है चर्चा के मुख्य अंश...

बिजली को लेकर सरकार की क्या योजनाएं हैं?

बिजली के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति बेहतर है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सौभाग्य योजना के माध्यम से घर-घर बिजली पहुंचाने का टॉगरेट दिया है। इसे समय पर पूरा किया जाएगा। वर्तमान में मध्यप्रदेश में तीन लाख से अधिक घरों में सौभाग्य योजना के माध्यम से बिजली दी गई है। अब हम मध्यप्रदेश में पहली बार 42 लाख लोगों को एक वर्ष में बिजली देने का कार्य करेंगे। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। इससे कोई भी घर ऐसा नहीं रहेगा, जो बिजली से वंचित हो। इससे पहले भाजपा की केंद्र सरकार ने एक वर्ष में एक करोड़ कनेक्शन दिए थे।

संबल योजना भी शुरू की गई है। इस योजना से सरकार को चुनावी साल में क्या लाभ मिलेगा?

देखिए, सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रदेश की जनता के लिए सस्ती, सुलभ एवं जरूरत के अनुसार बिजली की व्यवस्था करे। मध्यप्रदेश बिजली उत्पादन में सरप्लस राज्य हो गया है। अब गरीबों को सस्ती दर पर बिजली देना सरकार की प्राथमिकता में है, इसलिए संबल जैसी योजना गरीबों का संबल बनेगी। ऐसा नहीं है कि सरकार चुनावी साल में ऐसी लाभकारी योजना ला रही है। इस योजना को लेकर बहुत पहले से तैयारियां चल रही थी, लेकिन अब योजना को मूर्तरूप दिया गया है। यह योजना गरीबों के लिए बेहद कारगर योजना साबित होगी।

आजादी के इतने वर्षों बाद भी लोगों तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसा क्यों?

प्रदेश में अब तक कई सरकारें रहीं हैं। मैं किसी भी सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाना चाहता, लेकिन पिछले 14 वर्षों से मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और भाजपा सरकार ने बिजली के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। पहले बिजली की क्या स्थिति थी, ये सबको पता है। अब लोगों को घरों में जलाने के लिए 24 घंटे बिजली मिल रही है, किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दे रहे हैं, इसके लिए किसानों से बिल भी बहुत कम लिए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि किसान की आय पांच वर्ष में दोगुनी हो। ये तभी दोगुनी होगी, जबकि किसानों को सुविधाएं दी जाएंगी, उन्हें राहत दी जाएगी। पहले मध्यप्रदेश में बिजली की पैदावार 5 हजार मैगावॉट थी, लेकिन आज मध्यप्रदेश में 17 हजार मैगावाट से ज्यादा बिजली पैदा हो रही है। पानी की कमी, कोयले की कमी के बाद भी प्रदेश में इतनी बिजली पैदा हो रही है।

फीडर सेपरेशन को लेकर भी काम चल रहा था। वर्तमान में कितना काम बाकी है?

फीडर सेपरेशन का काम तेजी से किया जा रहा है। ज्यादातर जगह ये काम हो गया है। कुछ जगह शेष है, जिसे भी जल्द कर लिया जाएगा।

बिजली कंपनियां घाटे में हैं। उनको घाटे से उबारने के लिए सरकार क्या कर रही है?

हमारी इंदौर की बिजली कंपनी अब लाभ में आ चुकी है, लेकिन ये सही है कि कंपनियां घाटे में चल रही हैं और इन कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए सरकार भी प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके बाद भी सरकार उपभोक्ताओं को राहत देना चाहती है। यही कारण है कि इस वर्ष सरकार ने बिजली के दाम नहीं बढ़ाए हैं। कंपनियों द्वारा आयोग को प्रस्ताव भेजे जाते हैं, लेकिन इन कंपनियों के घाटे की भरपाई सरकार करेगी।

Updated : 8 Aug 2018 12:36 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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