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राजनीतिक दलों के बीच हवाई यात्रा का संकट

राजनीतिक दलों के बीच हवाई यात्रा का संकट
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भोपाल। चुनावों के लिए प्रचार अभियान शुरू हो चुका है। पार्टियां सत्ता की रेस में एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच एक लड़ाई हवा में भी लड़ी जा रही है। ये लड़ाई ज्यादा से ज्यादा हेलीकॉप्टर और चाटर्ड प्लेन बुक कराने के लिए हो रही है। चुनाव के साथ हेलीकॉप्टर और चार्टेड प्लेन कंपनियों की चांदी हो गई है। आमतौर पर घंटों के हिसाब से हेलिकॉप्टर की बुकिंग होती है, लेकिन इस बार तो पूरे चुनाव सीजन के लिए बुक हो चुके हैं ताकि दूसरी पार्टी को ना मिल सके।

दक्षिण भारत से डिमांड सबसे ज्यादा

सबसे ज्यादा हेलीकॉप्टर पवन हंस के पास हैं जिसके बाद ग्लोबल वेक्ट्रा हेलीकॉर्प का नंबर आता है। प्राइवेट कंपनियों में जेट कंपनियों क्लब वन एयर और ताज एयर जैसी कंपनियों के पास अच्छी फ्लीट है। इस बार दक्षिण भारत से भी काफी मांग आ रही है। इंडस्ट्री को लगता है कि अगर नेताओं में हेलीकॉप्टर का क्रेज यू हीं बढ़ता रहा तो इस जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर से चॉपर और छोटे जहाज लीज पर मंगाने होंगे।

किस पार्टी की कितनी बुकिंग

भारत में लगभग 260 हेलीकॉप्टर और 200 चार्टेड प्लेन्स हैं। इंडस्ट्री के सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा ने महीनों पहले ही लगभग 60 फीसदी हवाई जहाजों की बुकिंग करा ली है। कांग्रेस की शिकायत है कि उसके पास बुकिंग के लिए जहाज ही नहीं हैं। इस बार एक और ट्रेंड यह दिख रहा है कि कई स्थानीय दल, खासतौर पर महागंठबंधन की पार्टियां एक दूसरे के साथ हेलीकॉप्टर की शेयरिंग भी रह रही हैं।

किस पार्टी से सबसे ज्यादा बुकिंग

देश में 260 हेलीकॉप्टर, सभी हेलीकॉप्टर चुनावों के लिए बुक, 60 प्रतिशत बुकिंग भाजपा की तरफ से हुई, 40 प्रतिशत में कांग्रेस और बाकी क्षेत्रिय दल ने की है। एक दिन के प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर पर 15 से 20 लाख रुपए तक खर्च होता है।

Updated : 17 March 2019 2:29 PM GMT
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Naveen Savita

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