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मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के कार्यकाल को बढ़ाने से बताई जा रही है नाराजगी

वित्तीय प्रबंधन में माहिर वर्ष 1984 बैच के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव ने सरकार को लंबे अवकाश का आवेदन दिया है।

मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के कार्यकाल को बढ़ाने से बताई जा रही है नाराजगी
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गड़बड़ा सकता है सरकार का वित्तीय प्रबंधन

अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव ने दिया लंबे अवकाश का आवेदन

भोपाल | वित्तीय प्रबंधन में माहिर वर्ष 1984 बैच के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव ने सरकार को लंबे अवकाश का आवेदन दिया है। उनके अवकाश पर जाने से सरकार का वित्त प्रबंधन गड़बड़ा सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सरकार सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट ला रही है और ऐसे समय में ही वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव अवकाश पर जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार चुनावी मोड में है ऐसे में कई योजनाएं एवं उनके लिए बजट सरकार की प्राथमिकता में है। इसलिए ये काम भी प्रभावित होंगे। इधर मंत्रालय के सू़त्र बता रहे हैं कि एसीएस एपी श्रीवास्तव मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के कार्यकाल को बढ़ाने से खफा हैं, क्योंकि मुख्य सचिव की दौड़ में उनका नाम सबसे उपर था, लेकिन बसंत प्रताप सिंह के कार्यकाल में 6 माह की अवधि बढ़ाने से एपी श्रीवास्तव फिलहाल मुख्य सचिव नहीं बन सके।

प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वर्ष 1984 बैच के अधिकारियों के बीच मनमुटाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में सरकार के कामकाज पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। दरअसल प्रदेश के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उनके कार्यकाल को केंद्र सरकार ने 6 माह के लिए बढ़ा दिया है। इससे यह तो साफ हो गया है कि विधानसभा के चुनाव बसंत प्रताप सिंह के मुख्य सचिव रहते हुए ही होंगे, लेकिन सरकार के इस निर्णय से कई अधिकारियों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा नाराजगी वर्ष 1984 बैच के आईएएस अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव में देखने को मिली। वे मुख्य सचिव पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन नहीं बन सके। हालांकि उनकी दावेदारी तीन साल पहले भी थी, जब सरकार ने बसंत प्रताप सिंह को मुख्य सचिव बनाया था। सूत्रों ने बताया कि उस समय भी एपी श्रीवास्तव को आश्वासन दिया गया था कि बसंत प्रताप सिंह के कार्यकाल पूरा होने के बाद उनको मुख्य सचिव बनाया जाएगा। इनके अलावा अन्य अधिकारी भी हैं, जो नाराज बताए जा रहे हैं। इनमें मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल अधिकारियों के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं।

किसको मिलेगा प्रभार

अपर मुख्य सचिव के अलावा वित्त विभाग में दो प्रमुख सचिव भी हैं पंकज अग्रवाल और मनोज गोविल। पंकज अग्रवाल वित्त विभाग का कामकाज देख रहे हैं तो मनोज गोविल आयुक्त सह संचालक वित्त एवं संस्थागत वित्त का कामकाज भी संभाल रहे हैं। ऐसे में संभावनाएं हैं कि पंकज अग्रवाल फिलहाल अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव का कार्य संभालेंगे। फिलहाल इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुए हैं। एसीएस वित्त एपी श्रीवास्तव को वित्त विभाग में कामकाज का अच्छा अनुभव है। वे वित्त विभाग में प्रमुख सचिव भी रहे हैं और उनमें त्वरित निर्णय लेने की क्षमता भी है। कई मौकों पर उन्होंने वित्तीय प्रबंधन में अपनी महारत दिखाई है। मंत्रालयीन सूत्रों की मानें तो एपी श्रीवास्तव के वित्तीय प्रबंधन के कारण ही सरकार इनका कर्ज लेने में सफल हो पाई है। यहां बता दें कि सरकार ने 2 लाख करोड़ का कर्ज लिया हुआ है।

इसलिए बढ़ा बीपी सिंह का कार्यकाल

सरकार ने मुख्य सचिव बीपी सिंह का कार्यकाल बढ़ाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है, क्योंकि चुनावी साल में सरकार बीपी सिंह के अनुभवों का लाभ लेना चाहती है। तीन वर्षों से मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी निभा रहे बीपी सिंह को जिलों से लेकर मंत्रालय में पदस्थ अधिकारियों की कार्यप्रणाली का भी खासा अनुभव है। उनको प्रशासनिक जमावट का भी अनुभव है। इसके अलावा अब तक वे अफसरों से बेहतर तालमेल बनाकर काम कराने में सफल भी रहे हैं। उनके कार्यकाल में ऐसी कोई कंट्रोवर्सी भी सामने नहीं आई, जिससे अधिकारियों में नाराजगी देखने को मिले। हालांकि कई मौकों पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई है, लेकिन बेहतर काम के लिए उनकी पीठ थपथपाने में भी देरी नहीं की।



Updated : 25 Jun 2018 3:16 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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