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म.प्र के 29 जिलों में मौसम विभाग ने 'ऑरेंज अलर्ट' किया जारी

म.प्र के 29 जिलों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट किया जारी
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भोपाल। मध्य प्रदेश में बारिश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। बारिश का असर रेल यातायात पर भी पड़ा है। मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भारी बारिश का दौर जारी है। रतलाम में रात से हो रही बारिश की वजह से रेल पटरियों पर पानी भर गया है। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 29 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार एक साथ पांच सिस्टम सक्रिय होने से मानसून ने तेजी पकड़ ली है। अगले कुछ दिन मौसम ऐसा ही बना रहेगा। वहीं लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर है। सोमवार शाम को सारणी स्थित सतपुड़ा डैम के सभी गेट खोल दिए गए। बरगी और तवा बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी उफान पर है। नर्मदा किनारे जाने वालों को प्रशासन लगातार सचेत कर रहा है। गांधीसागर बांध का जलस्तर 1310 फीट पर पहुंचने के साथ ही पानी की आवक को देखते हुए मंगलवार सुबह पांच बजे बांध के तीन छोटे स्लूज गेट खोले गए, इससे 58095 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि गेट खोलने से पहले प्रभावित होने वाले क्षेत्रों सहित राणाप्रताप सागर रावतभाटा, कोटा बैराज कोटा को भी अलर्ट जारी किया गया है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पी.के. साहा ने बताया कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और गंगा के पश्चिमी बंगाल एवं ओडिशा के समुद्र तट पर 7.6 किमी की ऊंचाई पर चक्रवाती हवा का घेरा बना है। इस सिस्टम के प्रभाव से 28 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे सिंतबर के पहले सप्ताह में भी अच्छी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर, शाजापुर, उज्जैन, देवास, इंदौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, खरगौन, बुरहानपुर, खंडवा, रायसेन, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, सागर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां में आगामी 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

राज्य में एक साथ पांच सिस्टम सक्रिय हो रहे हैं, जिसमें पहला सिस्टम मानसून द्रोणिका औसत समुद्र तल से बिकानेर, सीकर, टीकमगढ़, उमरिया, अंबिकापुर, जमशेदपुर, दीघा से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। दूसरा सिस्टम हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा उत्तरी ओडिशा एवं उससे लगे पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र तथा झारखंड के बीच बना है, जो 0.9 से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक है। यह ऊंचाई के साथ पश्चिम दिशा की ओर झुका है। तीसरा सिस्टम पूर्वी-पश्चिमी शियर जोन (कतरनी क्षेत्र, एक तरह की ट्रफ लाइन) 20 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर है, जो मध्य भारत से होकर गुजर रही है। चौथा सिस्टम आगामी 28 अगस्त को हवा के कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बनने की संभावना है। पांचवां सिस्टम पूर्वी मध्य अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्रवाती हवा का घेरा बना है।

Updated : 27 Aug 2019 7:24 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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