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पानी के संकट को लेकर पीएम मोदी ने 'मन की बात' में क्या कहा, जानें

पानी के संकट को लेकर पीएम मोदी ने मन की बात में क्या कहा, जानें
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात, जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं। चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था। हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप के शब्दों से से मुझे प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा कि उन्हें भारत के लोगों पर हमेशा से विश्वास था कि वे उन्हें एक बार फिर वापस लाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जल संकट से निपटने का कोई एक फ़ॉर्मूला नहीं हो सकता है। इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग तरीके से, प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन सबका लक्ष्य एक ही है और वह है पानी बचाना, जल संरक्षण।

जानें पानी के संकट को लेकर पीएम मोदी ने 'मन की बात' में क्या कहा

- जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #JanShakti4JalShakti के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके।

- हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूं।

- मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें। देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है। हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूं।

- जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे।

- मेरे प्यारे देशवासियो, मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है। जो भी पोरबंदर के कीर्ति मंदिर जायें वो उस पानी के टांके को जरुर देखें। 200 साल पुराने उस टांके में आज भी पानी है और बरसात के पानी को रोकने की व्यवस्था है, ऐसे कई प्रकार के प्रयोग हर जगह पर होंगे।

- पंजाब में ड्रीनेज लाइंस को ठीक किया जा रहा है। इस प्रयास से वॉटर लॉगिंग की समस्या से छुटकारा मिलेगा.तेलंगाना के थिमाईपल्ली में टैंक के निर्माण से गांवों के लोगों की जिंदगी बदल रही है.राजस्थान के कबीरधाम में, खेतों में बनाए गए छोटे तालाबों से एक बड़ा बदलाव आया है।

- देशभर में ऐसे कई सरपंच हैं, जिन्होंने जल संरक्षण का बीड़ा उठा लिया है। ऐसा लग रहा है कि गांव के लोग, अब अपने गाँव में, जैसे जल मंदिर बनाने के स्पर्धा में जुट गए हैं। सामूहिक प्रयास से बड़े सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

- बिरसा मुंडा की धरती, जहां प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर रहना संस्कृति का हिस्सा है वहाँ के लोग, एक बार फिर जल संरक्षण के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने सभी ग्राम प्रधानों एवं सरपंचों को उनकी इस सक्रियता के लिए उन्हें शुभकामनायें दी।

Updated : 30 Jun 2019 6:15 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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