Home > Lead Story > नाबालिग यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए विशेष पॉक्सो कोर्ट हो गठित

नाबालिग यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए विशेष पॉक्सो कोर्ट हो गठित

नाबालिग यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए विशेष पॉक्सो कोर्ट हो गठित
X

-ट्रायल के लिए दो माह में पॉक्सो कोर्ट हो गठित

-100 से अधिक लंबित मामलों वाले जिलों में विशेष पॉक्सो कोर्ट के गठन का निर्देश

-अदालतों के गठन का खर्च केंद्र सरकार करेगी वहन

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि देश ने जिन जिलों में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के 100 या इससे अधिक मामले लंबित हैं उन जिलों में इन मामलों के ट्रायल के लिए 60 दिन के भीतर विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन किया जाए। केंद्र सरकार इन अदालतों के गठन में आने वाला खर्च वहन करेगी। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

इन विशेष कोर्ट में सिर्फ पॉक्सो के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई होगी। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को चार हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। वैसे राज्यों की बात की जाए तो उत्तरप्रदेश में सबसे ज़्यादा 44376 पॉक्सो केस लंबित हैं। ओडिशा में चार्जशीटेड मामलों में से महज 12 फीसदी में सज़ा मुकर्रर हो पाई है।

इस मामले में कोर्ट की मदद कर रहे एमिकस क्यूरी वी. गिरी ने पोक्सो कोर्ट में चल रहे सभी मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग की थी। गिरी ने कहा था कि अगर बच्चों से यौन शोषण के मामलों को जल्द निपटाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर, जजों और कोर्ट की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की ने एमिकस क्यूरी से 01 जनवरी,2019 से पहले के बच्चों से दुष्कर्म के मामलों का डेटा कोर्ट को देने का निर्देश दिया था।

चीफ जस्टिस ने एमिकस क्यूरी को कहा था कि हमें पिछले छह महीने का डेटा नहीं चाहिए, बल्कि हम ये जानना चाहते हैं कि देश में उससे पहले क्या थे? अभी छह महीने के डेटा से पूरी तस्वीर साफ नहीं हो रही अगर उससे पहले के डेटा मिलेगा तो हम मामले की स्थिति को सही से परख पाएंगे।

पिछले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो एक जनवरी से लेकर अब तक बच्चों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों में दर्ज एफआईआर और की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाईकोर्ट से आंकड़े मंगवाए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक 01 जनवरी से 30 जून तक देशभर में बच्चों के साथ यौन शोषण के 24 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें अकेले उत्तरप्रदेश में 3457 मामले दर्ज हैं। मध्यप्रदेश 2389 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।

Updated : 25 July 2019 10:20 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top