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कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, जानें पूरा मामला

कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, जानें पूरा मामला
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शारदा चिटफंड मामले में कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार को गिरफ्तारी से छूट देने संबंधी अपने आदेश को शुक्रवार को वापस ले लिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि कुमार को गिरफ्तारी से छूट देने संबंधी पांच फरवरी का आदेश आज (17 मई) से सात दिनों के लिए लागू रहेगा ताकि वह कानूनी उपायों के लिए सक्षम अदालत में जा सकें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने सीबीआई से कहा कि वह मामले में कानून के अनुसार काम करे।

पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले के सुबूत मिटाने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने पांच फरवरी को कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। साथ ही उन्हें सीबीआई के समक्ष पेश होने और घोटाले से जुड़े मामलों की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था।

राजीव कुमार चिट फंड घोटाले की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल एसआईटी का आरंभ में नेतृत्व कर रहे थे। बाद में, मई 2014 में शीर्ष न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने गुरुवार को शीर्ष न्यायालय से कहा था कि वह कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है क्योंकि इस बारे में प्रथम दृष्टया साक्ष्य है कि वह साक्ष्यों को कथित तौर पर नष्ट करने या उनसे छेडछाड़ करने की तथा मामले में ऊंचे और ताकतवर लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे थे।

हालांकि, कुमार के वकील ने सीबीआई की दलीलों का विरोध किया था और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा था कि जांच एजेंसी उन्हें महज अपमानित करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करना चाहती है और सीबीआई को कानूनी की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की इजाजत नहीं देना चाहिए। कुमार के वकील ने पीठ से कहा था कि आईपीएस अधिकारी से हिरासत में पूछताछ की मांग करने वाली सीबीआई की अर्जी दुर्भावनापूर्ण कवायद है।

Updated : 17 May 2019 6:33 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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