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सियोल शांति पुरस्कार मेरे लिए नहीं, बल्कि भारत के लोगों के लिए है: प्रधानमंत्री मोदी

सियोल शांति पुरस्कार मेरे लिए नहीं, बल्कि भारत के लोगों के लिए है: प्रधानमंत्री मोदी
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सियोल/नई दिल्ली। मुझे सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, मुझे विश्वास है कि यह पुरस्कार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि भारत के लोगों के लिए है। यह पुरस्कार उस सफलता से संबंधित है जिसे भारत ने पांच वर्षों से भी कम समय में हासिल किया है, जो कि एक अरब तीस करोड़ भारतीयों की ताकत और कौशल से संचालित है। इसलिए मैं उनकी ओर से विनम्रतापूर्वक पुरस्कार स्वीकार करता हूं और आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बातें दक्षिण कोरिया में 'सियोल शांति पुरस्कार' से सम्मानित होने के मौके पर कहा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह पुरस्कार उस दर्शन की मान्यता है जिसने 'वसुधैव कुतुम्बकम' का संदेश दिया है, जिसका अर्थ है कि संपूर्ण विश्व एक परिवार है। यह पुरस्कार उस संस्कृति के लिए है जिसने युद्ध के मैदान पर भी शांति का संदेश दिया है, जैसा कि भगवान कृष्ण ने महाभारत में युद्ध के दौरान भगवद गीता की शिक्षा दी थी। यह पुरस्कार उस भूमि के लिए है जहां हमें पढ़ाया जाता है।

''ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षं शान्ति, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधयः शान्तिः।

वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शांति, सर्वम शांति:, शान्तिरेव शान्ति, सा मा शान्तिरेधी।

ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: शान''

जिसका मतलब है कि हर जगह अंतरिक्ष में, आकाश में शांति हो सकती है, हमारे ग्रह पर, प्रकृति में। शाश्वत शांति हो सकती है।

यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है जिन्होंने हमेशा व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के ऊपर सामाजिक अच्छाई डाली है। मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि यह पुरस्कार मुझे उस वर्ष प्रदान किया जा रहा है, जिस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। मैं दो सौ हजार डॉलर यानी एक करोड़ तीस लाख रुपये के मौद्रिक पुरस्कार को नमामि गंगे फंड में देना चाहूंगा क्योंकि गंगा नदी सिर्फ एक नदी नहीं है, गंगा भारत के सभी लोगों के लिए पवित्र व पूज्य ही नहीं है, बल्कि एक आर्थिक जीवन भी है।

सियोल शांति पुरस्कार की स्थापना 1988 में सियोल में आयोजित 24वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की सफलता और भावना को चिह्नित करने के लिए की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण कोरिया की आधिकारिक यात्रा पर सियोल गए हैं। जहां उन्होंने दक्षिण कोरियाई नेतृत्व से मुलाकात करने के साथ दक्षिण कोरियाई कारोबारी जगत के साथ 'भारत-दक्षिण कोरिया बिजनस संगोष्ठी' में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने कोरियाई राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून की मौजूदगी में प्रतिष्ठित योनसेई विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। (हि.स.)

Updated : 27 Feb 2019 9:10 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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