Home > Lead Story > अयोध्या राम जन्मभूमि : मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

अयोध्या राम जन्मभूमि : मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

अयोध्या राम जन्मभूमि : मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
X

दिल्ली। अयोध्या विवाद पर करीबन एक घंटे तक चली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख नहीं बताई है। वहीं सुनवाई पर भाजपा के नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि राम मंदिर जमीन पर हमें कोई समझौता संभव नहीं

जस्टिस बोबड़े ने सुनवार्ई के दौरान अयोध्या मुद्दे से जुड़े सभी पक्षों से पूछा कि जमीन विवाद पर फैसला दें तो क्या ये सबको मान्य होगा। वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने इस मामले में कहा कि मध्यस्थता के लिये जरूरी कि जो समझौता हो वो सबको मान्य हो।

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस गोगई ने कहा कि बिना विकल्प आजमाये ही राम मंदिर पर विरोध हो रहा है। 5 जजों की बेंच कर रही है सुनवाई। कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि ये आस्था का मुद्दा है इसलिये हम बेहतर भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं।

हिंदू महासभा के वकील वकील हरिशंकर जैन ने राम मंदिर मामले पर मध्यस्थता का विरोध किया है। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि मध्यस्थता का प्रस्ताव मंजूर है लेकिन ये बंद कमरे में हो ताकि इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं हो।

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मंगलवार कहा था कि अगर एक फीसदी भी गुंजाइश हो तो मामला बातचीत के जरिये सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। इस पर मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा था कि अगर अदालत चाहती है तो वह प्रयास कर सकते हैं। वह इसका विरोध नहीं करेंगे। वहीं, रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि पहले भी मध्यस्थता का प्रयास हुआ था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अन्य हिंदू पक्षकार के वकील रंजीत कुमार ने भी कहा था कि अब मध्यस्थता संभव नहीं है। ऐसे में आगे सुनवाई होनी चाहिए।

वैद्यनाथन के मध्यस्थता की गुंजाइश नहीं होने की बात पर कोर्ट ने कहा था कि हम आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं करेंगे। अगली सुनवाई में दोनों पक्षकार बताएं कि क्या कोई रास्ता निकल सकता है। बहरहाल, बुधवार को देखना होगा कि पीठ इस पर क्या निर्णय लेती है।

Updated : 6 March 2019 8:01 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top