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राफेल पर याचिकाकर्ता आंतरिक विमर्श के हिस्सों से पेश कर रहे अधूरी तस्वीर : रक्षा मंत्रालय

राफेल पर याचिकाकर्ता आंतरिक विमर्श के हिस्सों से पेश कर रहे अधूरी तस्वीर : रक्षा मंत्रालय
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में राफेल युद्धक विमान सौदा मामले में एक बयान जारी कर कहा कि याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मामलों पर आंतरिक विचार-विमर्श के कुछ हिस्सों को चुनकर एक अधूरी तस्वीर पेश करने के इरादे से दस्तावेजों का उपयोग कर रहे हैं।

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार की मुख्य चिंता पब्लिक डोमेन में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील और गुप्त जानकारी की उपलब्धता से जुड़ी हुई है। याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज यह बताने में विफल रहे हैं कि मुद्दों का किस प्रकार समाधान किया गया और किस तरह सक्षम अधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया गया। यह याचिकाकर्ताओं द्वारा तथ्यों और रिकॉर्ड्स की चुनी हुई और अधूरी प्रस्तुति है।

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से जुड़े विषयों पर आंतरिक समीक्षा की याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने उन दस्तावेजों पर भरोसा किया है, जिनमें से कुछ को पब्लिक डोमेन में नहीं रखा जा सकता था। केन्द्र सरकार ने आपत्ति जताई कि समीक्षा याचिकाओं पर विचार करते समय उक्त दस्तावेजों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे गुप्त दस्तावेज के अंतर्गत आते हैं।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि राफेल मुद्दे पर समीक्षा याचिकाओं पर फैसला करते समय न्यायालय सरकार की ओर से गोपनीय बताये जा रहे दस्तावेजों पर भी विचार करेगा। समीक्षा याचिकाएं कोर्ट में लंबित हैं और इन पर सुनवाई होनी शेष है। 14 दिसंबर,2018 को अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

मंत्रालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सूचनाओं की मांग की थी। सरकार ने इन वांछित सूचनाओं से संबंधित कागजात न्यायालय और याचिकाकर्ताओं को सौंपे थे। न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सूचनाएं प्रदान की गई थी। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(सीएजी) ने भी रिकॉर्ड्स और फाइलों की मांग की थी। सरकार ने सीएजी को भी सूचना दस्तावेज उपलब्ध कराए।

Updated : 10 April 2019 2:21 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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